Edited By Yaspal,Updated: 25 Jan, 2019 01:26 AM
मिसाइल सुखोई-30MKI का 18 जनवरी को बालासोर में परीक्षण किया गया। मिसाइस के सारे सिस्टम सही से काम कर रहे थे और इसने बंगाल की खाड़ी में स्थित लक्ष्य को सटीक तरीके से भेद दिया। NGRAM को...
नेशनल डेस्कः मिसाइल सुखोई-30MKI का 18 जनवरी को बालासोर में परीक्षण किया गया। मिसाइस के सारे सिस्टम सही से काम कर रहे थे और इसने बंगाल की खाड़ी में स्थित लक्ष्य को सटीक तरीके से भेद दिया। NGRAM को सुखोई विमानों से अलग-अलग कोणों और गति से दागा जा सकता है।
गुरुवार को डीआरडीओ-नेवी ने संयुक्त रूप से लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली (LS-SAM) एक अन्य आधुनिक बराक मिसाइल INS चेन्नैई से सफल परीक्षण किया गया। इसका निर्माण डीआरडीओ ने इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और राफेल के साथ मिलकर किया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ और नेवी को बधाई दी और इसे एक एतिहासिक उपलब्धि करार दिया।
सुपरसोनिक बराक-8 मिसाइल सिस्टम का इंटरसेप्शन रेंज 70 से 100 किमी तक है। अभी यह परीक्षण की प्रक्रिया में है। एक बार पूरी तरह ऑपरेशनल होने के बाद इसे सभी भारतीय युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा, जो दुश्मनों के फाइटर प्लेन, ड्रोन, हेलीकॉप्टर, मिसाइल और दूसरे हथियारों से रक्षा करेगा।