Edited By Seema Sharma,Updated: 20 May, 2018 03:33 PM
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ सैन्य संबंधों को प्रगाढ़ बनाने तथा चीन के बढ़ते प्रभुत्व को ध्यान में रखते हुए भारत इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण देश वियतनाम के साथ अगले सप्ताह पहले नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेगा। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच यह...
नई दिल्ली: दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ सैन्य संबंधों को प्रगाढ़ बनाने तथा चीन के बढ़ते प्रभुत्व को ध्यान में रखते हुए भारत इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण देश वियतनाम के साथ अगले सप्ताह पहले नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेगा। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच यह अभ्यास रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अगले महीने होने वाली वियतनाम यात्रा से पहले हो रहा है औार इस अभ्यास में नौसेना के तीन युद्धपोत और 900 से अधिक अधिकारी तथा नौसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी.के. शर्मा ने बताया कि पूर्वी बेडे के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी की कमान में नौसेना के तीन युद्धपोत आईएनएस सहयाद्री, आईएनएस शक्ति और आईएनएस कार्मोता 21 से 25 मई तक वियतनाम की यात्रा पर रहेंगे और ये कल वियतनाम के तियन सा पोर्ट दनांग पहुंच जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस दौरान दोनों नौसेनाओं के अधिकारियों के बीच विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा होगी और वियतनाम सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें भी होंगी। इसके बाद दोनों नौसेनाएं अभ्यास में शामिल होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 में वियतनाम यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध व्यापक सामरिक भागीदारी के स्तर तक पहुंच गये हैं। इसके बाद वियतनाम के प्रधानमंत्री ने इस साल जनवरी में गणतंत्र दिवस में बतौर प्रमुख अतिथि हिस्सा लिया। वियतनाम के राष्ट्रपति ने भी गत मार्च में भारत की आधिकारिक यात्रा की। सीतारमण की वियतनाम यात्रा के बाद वियतनाम की सेना कमांडर इन चीफ और उसके बाद नौसेना प्रमुख का भारत आने का कार्यक्रम है। भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत गत वर्ष सितंबर में भी वियतनाम के बंदरगाहों पर गए थे।