Edited By Radhika,Updated: 24 May, 2025 01:34 PM
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम पड़ाव बर्लिन में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और पाकिस्तान की तरफ से होने वाले...
नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम पड़ाव बर्लिन में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और पाकिस्तान की तरफ से होने वाले "परमाणु ब्लैकमेल" के आगे कभी नहीं झुकेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाएंगे और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी।
जर्मनी में मजबूत हुए भारत के रिश्ते
जयशंकर ने बर्लिन पहुंचने से पहले नीदरलैंड और डेनमार्क का भी दौरा किया था। बर्लिन में उन्होंने जर्मनी के विदेश मंत्री जॉन वाडेपॉल और चांसलर फ्रेडरिक मर्ज सहित कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। इन बैठकों में भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा हुई।
"पहलगाम हमला क्रूर था, भारत ने दिया करारा जवाब"
वाडेपॉल के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने पहलगाम हमले को "बहुत क्रूर" करार दिया। उन्होंने कहा, "मैं पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तुरंत बर्लिन आया हूं। मैंने वाडेपॉल को बताया कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।" उन्होंने आगे कहा कि "भारत पाकिस्तान के साथ सिर्फ द्विपक्षीय तरीके से बात करेगा। इस बारे में किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए।"
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर को ही नहीं, बल्कि भारत के दूसरे हिस्सों को भी निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि इसका मकसद लोगों में डर पैदा करना, कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना और धर्म के नाम पर लोगों को बांटना था। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद का करारा जवाब दिया है और जब भारत ने कार्रवाई की, तो कई देशों ने इसे समझा।
"हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ"
विदेश मंत्री ने दोहराया, "हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। इस मामले में आतंकवादी हमारे पड़ोसी देश में हैं। यह देश कई सालों से आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।"
जर्मनी ने किया भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन
जर्मनी के विदेश मंत्री जॉन वाडेपॉल ने भी आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने मुद्दे सीधे बातचीत से सुलझाने चाहिए और इसमें किसी और को शामिल नहीं होना चाहिए।
बैठक के बाद जयशंकर ने 'X' पर लिखा, "आज बर्लिन में विदेश मंत्री जॉन वाडेपॉल के साथ बहुत अच्छी मीटिंग हुई. आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को जर्मनी ने समझा, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।" उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों ने अपनी दोस्ती को और मजबूत करने और नए क्षेत्रों, जिसमें क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे शामिल हैं, में सहयोग करने पर बात की।