Edited By vasudha,Updated: 13 Jul, 2018 04:50 PM
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री अरुण जेतली ने भारत के फ्रांस को पछाड़ कर विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि भारत अगले साल ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की...
नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री अरुण जेतली ने भारत के फ्रांस को पछाड़ कर विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि भारत अगले साल ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जेतली ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पांरपरिक सोच को बदल कर सुनिश्चित किया कि ग्रामीण भारत एवं गरीब तबकों का संसाधनों पर पहला हक हो।
केंद्रीय मंत्री ने विश्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत को मिली इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस के 1970 एवं 1980 के मॉडल को नहीं अपनाएगी जो केवल लोकलुभावन थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक सोच को बदला है और सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण भारत एवं वंचित समुदायों को संसाधनों पर पहला हक मिले। जेतली ने कहा कि यदि अगले दशक में ऐसा जारी रहा और व्यय बढ़ा तो भारत के गांवों में रहने वाले गरीबों पर बहुत जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा। यह लाभ सभी को मिलेगा चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के हों।
कांग्रेस ने गरीबों को दिए सिर्फ नारे
जेतली ने कहा कि कांग्रेस ने देश के गरीबों को नारे दिये और मोदी ने उन्हें संसाधन दिये। कांग्रेस ने 1970 और 1980 के दशकों में लोकलुभावन नारे दिये जबकि गरीबों के कल्याण के लिए ना तो पुख्ता नीति बनायी और ना ही पर्याप्त धन का आवंटन किया। उन्होंने मोदी को शब्दों से अधिक काम करने वाला प्रधानमंत्री करार देते हुए कहा कि सरकारी नीतियों के कठोरता से क्रियान्वयन से ही मुश्किल लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि तेजी से प्रगति करती अर्थव्यवस्था के बहुत सारे फायदे हैं। अधिक उपभोग, अधिक उत्पादन, अधिक उद्योग, बढ़ता सेवा क्षेत्र, व्यापक शहरीकरण, बढ़ते रोकागार के अवसर, अधिक आर्थिक गतिविधि और उसके फलस्वरूप अधिक राजस्व।
सरकार के आगे बड़ी चुनौती
वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदर्शन को लेकर सरकार के अपने मानदंड भी काफी कठोर हो गये हैं। कितनी जल्दी हम अपने लोगों के गरीबी के स्तर को कम करने में कामयाब होंगे, यह एक बड़ी चुनौती हो गयी है। हम किस प्रकार से तेज प्रगति के लाभ को ग्रामीण भारत में स्थानांतरित करें जिसे अब तक सबसे कम फायदा मिलता रहा है। बीते चार साल में सरकार ने एक ‘नव मध्य वर्ग’ तैयार करने का प्रयास किया ताकि उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। लेकिन इसके लिए कांग्रेस की तरह लोक लुभावन तरीके नहीं अपनाये जाएंगे।