पहले की मजदूरी, फिर बने गार्ड, अब क्रैक किया JNU एंट्रेंस एग्जाम, UPSC है सपना

Edited By shukdev,Updated: 16 Jul, 2019 06:28 PM

jnu guard pass entrance exam

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में गार्ड की नौकरी करने वाले रामजल मीणा अब वहीं के स्टूडेंट बन गए हैं। रामजल ने जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पास कर ली है। निजी कंपनी की तरफ से जेएनयू की सुरक्षा के लिए नियुक्त रामजल मीणा ने प्रवेश परीक्षा में सफलता...

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में गार्ड की नौकरी करने वाले रामजल मीणा अब वहीं के स्टूडेंट बन गए हैं। रामजल ने जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पास कर ली है। निजी कंपनी की तरफ से जेएनयू की सुरक्षा के लिए नियुक्त रामजल मीणा ने प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर बीए रशियन भाषा पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया है।राजस्थान करौली जिला निवासी 33 वर्षीय रामजल मीणा जेएनयू में वर्ष 2014 से सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने पहले प्रयास में जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पास की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2002 में 12वीं की परीक्षा पास की थी।
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रामजल ने कई साल पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी में बीएससी में दाखिला लिया था। लेकिन घर की जिम्मेदारियों के कारण वह पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। पिता के साथ मिलकर मजदूरी की और अपनी तीन बहनों की शादी की। साल 2003 में रामजल की भी शादी हो गई। उनके तीन बच्चे हैं। जेएनयू में गार्ड की नौकरी करते हुए ही रामजल ने राजस्थान से बीए की परीक्षा पास की। अभी एमए कर रहे हैं।

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रामजल ने बताया कि अब जब वह जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पास कर चुके हैं, उन्हें वहीं गार्ड की नौकरी करते हुए क्लास करने की अनुमति मिल गई है। तैयारी के बारे में रामजल कहते हैं कि रोजाना 8 से 10 घंटे की ड्यूटी के दौरान वह अपने साथ किताबें भी रखते थे। बीच-बीच में समय निकालकर वह पढ़ा करते थे। उनकी लगन देख यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसर और स्टूडेंट्स भी उन्हें प्रोत्साहित करने लगे।

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यूपीएसाी पास कर आईएएस बनना है सपना 

रामजल यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस ऑफिसर बनना चाहते हैं। देश की सेवा के साथ-साथ अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों को बेहतर जीवन देना चाहते हैं। अभी रामजल की सबसे बड़ी बेटी नौवीं और दूसरी सातवीं कक्षा में पढ़ रही है। बेटा चौथी कक्षा में है। वह सभी को उच्च शिक्षा देना चाहते हैं। रामजल कहते हैं कि मैं नहीं चाहता कि मेरे होनहार बच्चों को किसी तरह की कमी के कारण मेरी तरह मजदूरी करनी पड़े। रामजल अपने बच्चों के साथ बैठकर भी पढ़ाई करते हैं। कहते हैं कि पढ़ाई ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जो हमारी किस्मत बदल सकता है।

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