Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Jul, 2018 09:32 AM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी सरकार अब केंद्र सरकार व उसके द्वारा नियुक्त उप-राज्यपाल सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अफसर अनिल बैजल की धौंस को पहले की तरह बर्दाश्त नहीं करेंगे और सर्वोच्च न्यायालय के 4 जुलाई, 2018 के फैसले के आलोक में कार्य...
नेशनल डेस्कः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी सरकार अब केंद्र सरकार व उसके द्वारा नियुक्त उप-राज्यपाल सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अफसर अनिल बैजल की धौंस को पहले की तरह बर्दाश्त नहीं करेंगे और सर्वोच्च न्यायालय के 4 जुलाई, 2018 के फैसले के आलोक में कार्य करेंगे जिसने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें उप-राज्यपाल को दिल्ली का सर्वेसर्वा कहा गया था। इसके लिए वह एक्शन मोड में आ गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब जमीन, पुलिस व पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर अन्य सभी मामलों में फैसले लेने की कोशिश करने लगे हैं।
सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल अब पूर्व केंद्रीय गृह व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम से सलाह, राय बात करके, केंद्र सरकार व उप-राज्यपाल की हर चाल की काट करने की कोशिश करने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील भी हैं। सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में वह भी वकील थे। इसलिए भी उन तमाम मामलों में जिसमें केंद्र सरकार केजरीवाल को फंसाने की कोशिश कर रही है, चिदम्बरम की सलाह बहुत महत्वपूर्ण होगी।