Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Dec, 2025 11:55 AM

2017 में दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग को झकझोर देने वाले अपहरण और यौन हिंसा मामले में सोमवार को एक अहम मोड़ आया। एर्नाकुलम की प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने अभिनेता दिलीप को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, यह कहते हुए कि अभियोजन पक्ष अभिनेता की संलिप्तता को...
नेशनल डेस्क: 2017 में दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर देने वाले अपहरण और यौन हिंसा मामले में सोमवार को एक अहम मोड़ आया। एर्नाकुलम की प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने अभिनेता दिलीप को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, यह कहते हुए कि अभियोजन पक्ष अभिनेता की संलिप्तता को ठोस तरीके से सिद्ध नहीं कर सका। मामले के अन्य तीन आरोपियों को भी अदालत ने दोषमुक्त कर दिया, जबकि छह सह-आरोपी दोषी पाए गए।
कोर्ट का निर्णय: किसे दोषी ठहराया गया?
ट्रायल में कुल 9 लोगों पर सुनवाई हुई थी, जिनमें ये नाम शामिल थे—
-सुनील एनएस (पल्सर सुनी)
-मार्टिन एंटनी
-मणिकंदन बी
-वीजेेश वीपी
-सलीम एच
-प्रदीप
-चार्ली थॉमस
-सनील कुमार (मेस्थ्री सनील)
-शरथ
इनमें से पहले छह पर आरोप साबित हुए और उन्हें दोषी करार दिया गया। बाकी तीन को राहत मिली।
दिलीप की पहली प्रतिक्रिया
फैसला सुनाए जाने के बाद अदालत परिसर में मौजूद दिलीप ने कहा, “यह मेरे खिलाफ रची गई साजिश थी। मैं अपने सभी वकीलों और उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने मेरे साथ खड़े रहे।” अभिनेता पूरे मामले में शुरुआत से ही खुद को निर्दोष बताते रहे थे।
पीड़िता की मौजूदगी और सात साल लंबी कानूनी जद्दोजहद
सुनवाई के दौरान बहादुरी दिखाने वाली अभिनेत्री भी अदालत में मौजूद थीं। फरवरी 2017 की वह घटना न सिर्फ केरल बल्कि पूरे देश के लिए सदमेभरी थी— अभिनेत्री को रात में चलती कार में जबरन ले जाकर करीब दो घंटे तक उत्पीड़न झेलना पड़ा था। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए थे। यह मामला लगभग आठ साल तक अदालतों और जांच एजेंसियों के बीच चला, जिसमें कई बार देरी, गवाहों के मुकरने और आरोपों के बदलने जैसी स्थितियां सामने आईं।
अभियोजन का दावा और कमजोर पड़ता केस
सरकार की ओर से पेश अभियोजन टीम का आरोप था कि यह पूरा हमला एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जिसमें दिलीप ने मुख्य भूमिका निभाई। पिछले अक्टूबर में अभियोजन ने अभिनेता पर सबूत नष्ट करने का नया आरोप भी लगाया था। लेकिन ट्रायल के दौरान कई महत्वपूर्ण गवाहों ने अपना बयान बदल दिया, जिससे अभियोजन का पक्ष कमजोर पड़ गया और अदालत ने "संदेह का लाभ" देते हुए अभिनेता को बरी कर दिया।