POCSO एक्ट पर पहली बार बोले PM मोदी, कहा- जो राक्षसी काम करेगा, उसे फांसी पर लटकाया जाएगा

Edited By Anil dev,Updated: 24 Apr, 2018 04:38 PM

madhe pardesh narinder modi jawalpur anandibhen

बारह साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने के प्रावधान के लिए अध्यादेश लागू होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कानून बनाने के साथ ही हमें परिवार में भी बेटियों के लिए सुरक्षा का वातावरण बनाना...

मंडला: बारह साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने के प्रावधान के लिए अध्यादेश लागू होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कानून बनाने के साथ ही हमें परिवार में भी बेटियों के लिए सुरक्षा का वातावरण बनाना होगा।  वहीं मोदी ने  POCSO एक्ट में किए गए बदलाव के बारे में पहली बार खुल कर अपनी बात सामने रखी। उन्होंने कहा कि जो भी राक्षसी काम करेगा, उसे फांसी पर लटकाया जाएगा।  आज की केंद्र सरकार लोगों की भावनाओं को समझती है और उसके हिसाब से निर्णय ले रही है।  ये एक सामाजिक बदलाव है, हमें अपने लड़कों को भी समझाना होगा. बेटों को बेटियों की इज्जत करना सिखाना होगा।  परिवारों को घर के अंदर ही इस बदलाव को शुरू करना होगा। 

सरकार सुनती है आपके दिल की बात
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले के रामनगर में ‘‘राष्ट्रीय पंचायत राज सम्मेलन’’ को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को फांसी देने का प्रावधान किया है। जब शिवराज जी (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) यहां यह बात कह रहे थे तो मैं देख रहा था लोग इसका भारी समर्थन कर रहे हैं।’’  मोदी ने कहा, ‘‘दिल्ली में ऐसी सरकार है जो आपके दिल की बात सुनती है और निर्णय लेती है।’’  प्रधानमंत्री ने परिवार में बेटियों के लिए सुरक्षा का वातावरण बनाने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘परिवार में बेटों को जिम्मेदारी सिखायेंगे तो बेटियों की सुरक्षा कठिन नहीं होगी। हमें परिवार में भी बेटियों के लिये सुरक्षा का वातावरण बनाना होगा। इस हेतु समाज में एक माहौल बनाना होगा और देश को इस मुसीबत से निकालना होगा।’’ 

किसानों को होना चाहिए शिक्षित
मोदी ने पंचायत जनप्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें अपने गांव के किसानों को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए शिक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पहले बांस को एक पेड़ माना जाता था, इसलिए गांव में इसका उपयोग नहीं हो पाता था। लेकिन केन्द्र सरकार ने अब इसे घास की श्रेणी में कर दिया है। अब किसान अपने खेत की मेड़ पर बांस उगाकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकता है। देश प्रतिवर्ष 12,000 से 15,000 करोड़ रूपए के बांस का आयात करता है।’’  प्रधानमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अप्रैल, मई और जून माह में मनरेगा की राशि केवल जल संवद्र्धन के कार्यो पर ही खर्च करें। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बरसात का पानी संग्रह करने पर काम करना चाहिये। इससे हमारा धन भी बचेगा और गांवों में पानी की किल्लत भी कम होगी, साथ ही यह कृषि में भी सहायक होगा।’’ 

मोदी ने किया आजादी के आंदोलन का जिक्र
देश की आजादी के आंदोलन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी की लड़ाई की दास्तान कुछ ही परिवारों के आसपास सिमट गयी। जबकि आजादी की लड़ाई में अनेक जनजातीय लोगों के साथ सैकड़ों परिवारों ने अपना बलिदान दिया था, लेकिन उन्हें भुला दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास में उनका नाम क्यों दर्ज नही हुआ। ऐसा क्यों हुआ, पता नहीं। लेकिन अब 1857 से आजादी तक स्वतंत्रता की लडाई में शामिल हुए ऐसे भुला दिए गए लोगों और उनके अहम योगदान को याद करने के लिये भारत के प्रत्येक राज्य में एक-एक संग्रहालय स्थापित किया जायेगा और बच्चों को उनके बलिदान के बारे में बताया जाएगा।’’ 

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