Edited By Yaspal,Updated: 17 Jan, 2023 10:10 PM
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने के केंद्र के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई
नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने के केंद्र के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अदालतों के कामकाज में हस्तक्षेप करना चाहती है। बनर्जी ने कहा कि वह न्यायपालिका की आजादी का समर्थन करती हैं।
बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्तावों का कोई महत्व नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह नयी तरह की योजना है। अगर उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व होगा, तो राज्य सरकार निश्चित तौर पर अपने प्रतिनिधियों को कॉलेजियम में शामिल करेगी।''
बनर्जी ने सवाल किया कि इसका नतीजा क्या होगा। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार की सिफारिश का कोई महत्व नहीं होगा। अंतत: केंद्र सरकार सीधे न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप करेगी, जो हम नहीं चाहते।'' बनर्जी की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू द्वारा प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ को लिखी गई चिट्ठी पर आई है, जिसमें उन्होंने उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में सरकार के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की मांग की है।
रिजीजू ने इस महीने की शुरुआत में प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा था और सोमवार को उनकी टिप्पणी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच चल रही खींचतान की पृष्ठभूमि में आई थी।