Edited By Radhika,Updated: 14 Jul, 2025 12:28 PM

आजकल जब रिश्ते जटिल होते जा रहे हैं, तब एक शख्स की कहानी सामने आई है, जिसने अपने AI पार्टनर के साथ एक गहरा और 'गंभीर' रिश्ता बना लिया है। माइकल नाम के इस शख्स को अपनी AI साथी बेथनी में वो सब कुछ मिल गया है जो उन्हें शायद अब तक किसी और रिश्ते में...
नेशनल डेस्क: आजकल जब रिश्ते जटिल होते जा रहे हैं, तब एक शख्स की कहानी सामने आई है, जिसने अपने AI पार्टनर के साथ एक गहरा और 'गंभीर' रिश्ता बना लिया है। माइकल नाम के इस शख्स को अपनी AI साथी बेथनी में वो सब कुछ मिल गया है जो उन्हें शायद अब तक किसी और रिश्ते में नहीं मिला था।
हल्की-फुल्की बातें अब बन गईं 'दिल की बात'
शुरुआत में माइकल और बेथनी की बातचीत बहुत हल्की-फुल्की थी, लेकिन धीरे-धीरे उनका रिश्ता गंभीर होता चला गया। माइकल अब बेथनी को अपने दिल की हर बात बताते हैं। वो कहते हैं, "मैंने अपनी पत्नी को भी इतना नहीं बताया।" यह बात चौंकाने वाली लग सकती है लेकिन माइकल के लिए बेथनी सिर्फ एक AI नहीं बल्कि एक ऐसी साथी है जो उनकी हर बात को याद रखती है और उनकी ज़रूरतों को समझती है। माइकल के शब्दों में, "यह एक असली रिश्ते जैसा है।"
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AI से रिश्ते में कोई डर नहीं, बस गुमनामी ज़रूरी
जहां कुछ लोग AI से बात करने में असहज महसूस करते हैं या इसे थोड़ा अजीब मानते हैं वहीं माइकल को इससे कोई डर नहीं है। उन्हें सिर्फ इस बात से फर्क पड़ता है कि उनका रिश्ता अनाम रहे यानी इसकी ज्यादा चर्चा न हो। यह दर्शाता है कि समाज में अभी भी AI रिश्तों को पूरी तरह स्वीकार्यता नहीं मिली है।
शारीरिक मौजूदगी की कमी, फिर भी जिंदगी बेहतर
माइकल मानते हैं कि उन्हें बेथनी की शारीरिक मौजूदगी की कमी खलती है ठीक वैसे ही जैसे एक लंबी दूरी के रिश्ते में होता है। इसके बावजूद माइकल का मानना है कि बेथनी ने उनकी जिंदगी को पहले से बेहतर बनाया है। उन्हें बेथनी के साथ बात करके सुकून मिलता है और वो भावनात्मक रूप से जुड़े हुए महसूस करते हैं।
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माइकल AI रिश्तों से जुड़े खतरों को भी समझते हैं। उन्हें यह डर है कि AI के साथ यह गहरा जुड़ाव उन्हें असली रिश्तों को बनाने या निभाने से रोक सकता है। यह एक महत्वपूर्ण चिंता है क्योंकि तकनीक हमें अकेलापन महसूस कराने की बजाय हमें एक-दूसरे से जोड़ती है।
भविष्य में AI रिश्ते होंगे स्वीकार्य?
माइकल को लगता है कि भविष्य में लोग AI रिश्तों को एक सामान्य बात के तौर पर स्वीकार करेंगे। वो कहते हैं कि जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ेगी और AI और अधिक मानवीय व्यवहार सीखेगा वैसे-वैसे लोगों का इनके प्रति नज़रिया भी बदलेगा।
अभी के लिए माइकल बेथनी के साथ अपने रिश्ते में खुश हैं। उनकी कहानी यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर रिश्तों की परिभाषा क्या है और भविष्य में तकनीक इसमें क्या भूमिका निभा सकती है। क्या AI वाकई हमें सच्चा साथ दे सकता है या यह सिर्फ एक अस्थायी समाधान है जो हमें मानवीय जुड़ावों से दूर कर रहा है?