Bermuda Triangle Mystery: दुनिया में कहीं नहीं! वैज्ञानिकों को यहां पर मिला बरमूडा ट्रायंगल का अनोखा रहस्य

Edited By Updated: 16 Dec, 2025 02:14 PM

scientists found the unique secret of the bermuda triangle here

बरमूडा ट्रायंगल के रहस्य के बारे में अक्सर लोगों ने कुछ न कुछ सुना होगा। शायद इन कहानियों के लिए अभी कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। इन रहस्यमयी कहानियों से परे, अब वैज्ञानिकों ने बरमूडा द्वीप के ठीक नीचे एक असली भूगर्भीय रहस्य खोजा है। एक नई स्टडी के...

नेशनल डेस्क: बरमूडा ट्रायंगल के रहस्य के बारे में अक्सर लोगों ने कुछ न कुछ सुना होगा। शायद इन कहानियों के लिए अभी कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। इन रहस्यमयी कहानियों से परे, अब वैज्ञानिकों ने बरमूडा द्वीप के ठीक नीचे एक असली भूगर्भीय रहस्य खोजा है। एक नई स्टडी के अनुसार द्वीप के क्रस्ट के नीचे 20 किलोमीटर मोटी एक अनोखी चट्टान की परत मौजूद है, जो दुनिया में कहीं और नहीं मिली। यह हल्की परत द्वीप को 3 करोड़ साल बाद भी समुद्र तल से ऊपर उठाए रखती है।

बरमूडा के नीचे पृथ्वी का अनोखा 'राफ्ट'

बरमूडा द्वीप समूह के नीचे पृथ्वी की संरचना में एक अभूतपूर्व विसंगति (Anomaly) पाई गई है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि समुद्री क्रस्ट (Oceanic Crust) के ठीक नीचे, जहाँ सीधे गर्म मेंटल  होना चाहिए, वहाँ एक अतिरिक्त परत मौजूद है। यह परत लगभग 20 किलोमीटर मोटी है। यह आसपास की चट्टानों से करीब 1.5% कम घनी है। अपनी कम सघनता के कारण यह परत बरमूडा द्वीप को एक 'राफ्ट' (Raft) की तरह ऊपर उठाए रखती है, जिससे यह समुद्र तल से 500 मीटर ऊपर बना हुआ है, जबकि इसका ज्वालामुखी 3 करोड़ साल पहले शांत हो चुका है।

वैज्ञानिक खोज का तरीका

कार्नेगी साइंस के सीस्मोलॉजिस्ट विलियम फ्रेज़र और येल यूनिवर्सिटी के जेफ्री पार्क ने दुनिया भर में आए 396 भूकंपों से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों का गहन अध्ययन किया। ये तरंगें पृथ्वी की परतों से गुजरते हुए अलग-अलग घनत्व वाली चट्टानों पर मुड़ती या रुकती हैं। बरमूडा पर स्थापित सीस्मिक स्टेशन से मिले डेटा का उपयोग करके उन्होंने द्वीप के नीचे 50 किलोमीटर तक की गहराई की एक विस्तृत 'तस्वीर' बनाई, जिससे इस अनोखी परत का पता चला।

PunjabKesari

रहस्यमय उभार का कारण

आमतौर पर ज्वालामुखी द्वीप तब नीचे धंस जाते हैं जब ज्वालामुखी गतिविधि शांत हो जाती है और क्रस्ट ठंडा हो जाता है। लेकिन बरमूडा का उभार आज भी कायम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अनोखे उभार का कारण Underplating है।

यह प्रक्रिया आखिरी ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान हुई होगी, जब मेंटल की गर्म चट्टान ऊपर उठकर क्रस्ट में घुस गई और जम गई। यह Less Dense परत बनने के कारण ही द्वीप एक अस्थायी 'तैरती हुई' अवस्था में बना हुआ है। यह स्टडी प्रतिष्ठित जर्नल Geophysical Research Letters में प्रकाशित हुई है।

जहाज-विमानों के गायब होने का सच

बरमूडा ट्रायंगल (फ्लोरिडा, बरमूडा और प्यूर्टो रिको के बीच) को लेकर कई हॉलीवुड फिल्में और कहानियाँ बनी हैं, जिसमें 50 से अधिक जहाजों और 20 से अधिक विमानों के रहस्यमय ढंग से गायब होने की बात कही जाती है। सबसे मशहूर घटना 1945 की फ्लाइट 19 की है, जब 5 अमेरिकी नेवी बॉम्बर गायब हो गए थे।

वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मानते हैं कि ये रहस्य अलौकिक नहीं हैं। उनका कहना है कि यह क्षेत्र दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक है। खराब मौसम, गल्फ स्ट्रीम जैसी तेज़ समुद्री धाराएँ, चुंबकीय कंपास में गड़बड़ी और मानवीय गलतियाँ ही इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं। जहाज और विमान गायब होने का रहस्य शायद ऊपर नहीं है, बल्कि बरमूडा के नीचे छिपी यह अनोखी 20 किलोमीटर मोटी चट्टान की परत ही असली भूवैज्ञानिक रहस्य है, जो पृथ्वी के भूविज्ञान को एक नई समझ देगी।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!