Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 10:43 AM
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई रोक के बाद भी एक बड़ा खुलासा हुआ है। हाल ही में कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिसमें ये पता चला है कि जज घूस लेने के लिए कोडवर्ड का इस्तमाल किया करते थे। सीबीआई ने इस घोटाले की जांच के दौरान कुछ...
नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में दाखिले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई रोक के बाद भी एक बड़ा खुलासा हुआ है। हाल ही में कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिसमें ये पता चला है कि जज घूस लेने के लिए कोडवर्ड का इस्तमाल किया करते थे। सीबीआई ने इस घोटाले की जांच के दौरान कुछ बातचीत रिकॉर्ड की थी जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है।
इस बातचीत में 'प्रसाद', 'मंदिर', 'बही', 'गमला' और 'सामान' जैसे कोड वर्ड्स का इस्तमाल किया गया है। आपको बता दें कि इस मामले में ओडिशा के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दुसी आरोपी हैं जो इस वक्त जेल में बंद हैं। इस बातचीत में भी आईएम कुद्दुसी की ही आवाज बताई जा रही है। आरोप है कि कुद्दूसी ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को कानूनी मदद मुहैया कराने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी मामले में मनमाफिक फैसला दिलाने का वादा किया था।
ये जज भी हैं सीबीआई के घेरे में
इस घोटाले में ओडिशा के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दुसी के साथ-साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट के मौजूदा दो जज भी सीबीआई की जांच के घेरे में है। बताया जा रहा है कि बातचीत में रिकॉर्ड की गई आवाजों में बिचौलिये विश्वनाथ अग्रवाल और प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के बीपी यादव की है।
बातचीत में चायवाले की सरकार का भी जिक्र
सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड की गई इस बातचीत में चायवाले की सरकार का भी जिक्र करते हुए बिचौलिया विश्वनाथ अग्रवाल द्वारा कहा गया है कि चायवाले की सरकार सब देख रही है। इससे ये पता चलता है कि घोटाले में शामिल लोग सरकार से डरे हुए थे। इसी बात पर अग्रवाल रिटायर्ड जज कुद्दुसी को आश्वस्त करते हैं कि उनके 'फादर' और 'कैप्टन' सबकुछ करने को तैयार हैं। वे अपना 100 प्रतिशत देंगे। इसके साथ ही ओडिशा के व्यापारी ने उन्हें 500 प्रतिशत गारंटी दी कि काम हो जाएगा।