मोदी सरकार ला रही ऐतिहासिक बिल: PM, CM या मंत्री 30 दिन जेल में रहे तो खुद-ब-खुद छिन जाएगी कुर्सी!

Edited By Updated: 20 Aug, 2025 01:14 AM

modi government is bringing a historic bill

भारत की राजनीति में स्वच्छता और नैतिकता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार एक ऐतिहासिक संविधान संशोधन बिल ला रही है। इस प्रस्तावित कानून के तहत अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी गंभीर आपराधिक मामले में 30 दिन से अधिक हिरासत में...

नेशनल डेस्कः भारत की राजनीति में स्वच्छता और नैतिकता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार एक ऐतिहासिक संविधान संशोधन बिल ला रही है। इस प्रस्तावित कानून के तहत अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी गंभीर आपराधिक मामले में 30 दिन से अधिक हिरासत में रहता है, तो स्वतः उसका पद समाप्त हो जाएगा।

क्या है यह नया प्रावधान?

सरकार 130वां संविधान संशोधन विधेयक (Constitution (130th Amendment) Bill, 2025) बुधवार को लोकसभा में पेश करेगी। बिल के अनुसार: अगर कोई मंत्री या प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री 5 साल या उससे ज्यादा सजा वाले गंभीर अपराध में आरोपी हो और लगातार 30 दिन हिरासत में रहता है…तो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सिफारिश कर सकते हैं कि उस मंत्री को हटाया जाए। यदि सिफारिश नहीं होती है, तो 31वें दिन से वह व्यक्ति स्वतः मंत्री पद से हट जाएगा।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी आएंगे दायरे में

इस कानून की सबसे अहम बात यह है कि यह देश के प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा। अगर प्रधानमंत्री खुद 30 दिन से ज्यादा हिरासत में रहते हैं, और इस्तीफा नहीं देते तो उनका पद भी स्वतः समाप्त हो जाएगा। हालांकि, यह स्थायी प्रतिबंध नहीं होगा — बाद में उन्हें फिर से नियुक्त किया जा सकता है।

क्यों लाया जा रहा है यह कानून?

संविधान में होंगे ये संशोधन

बिल के तहत तीन अहम अनुच्छेदों में संशोधन किया जाएगा:

अनुच्छेद क्या बदलाव होगा?
अनुच्छेद 75 केंद्र सरकार के मंत्रियों की नियुक्ति और पद समाप्ति से जुड़ा
अनुच्छेद 164 राज्यों के मंत्रियों पर लागू होगा
अनुच्छेद 239AA केंद्रशासित प्रदेश (जैसे दिल्ली) में मुख्यमंत्री/मंत्रियों के लिए

 एक नहीं, तीन अहम बिल पेश होंगे

बुधवार को लोकसभा में मोदी सरकार तीन बड़े बिल पेश करने जा रही है:

  1. 130वां संविधान संशोधन विधेयक – हिरासत में रहने वाले जनप्रतिनिधियों को पद से हटाने से जुड़ा

  2. केंद्रशासित प्रदेश संशोधन विधेयक – उपराज्यपाल और प्रशासन से संबंधित तकनीकी बदलाव

  3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक – क्षेत्रीय प्रशासन और विकास से जुड़ी प्रावधानों में बदलाव

इन सभी बिलों को संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) को भेजा जाएगा, ताकि सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श हो सके और राजनीतिक सहमति बन सके।

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