Edited By Pardeep,Updated: 13 Dec, 2025 06:24 AM

पिछले एक हफ्ते में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी बढ़ती ताकत और प्रभाव का साफ संदेश दिया है। इस दौरान हुई अहम अंतरराष्ट्रीय बातचीत, बड़े कूटनीतिक संपर्क और तकनीकी–आर्थिक निवेशों ने यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ एक उभरती हुई शक्ति नहीं, बल्कि फैसलों को...
नेशनल डेस्कः पिछले एक हफ्ते में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी बढ़ती ताकत और प्रभाव का साफ संदेश दिया है। इस दौरान हुई अहम अंतरराष्ट्रीय बातचीत, बड़े कूटनीतिक संपर्क और तकनीकी–आर्थिक निवेशों ने यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ एक उभरती हुई शक्ति नहीं, बल्कि फैसलों को प्रभावित करने वाला देश बन चुका है।
ट्रंप–मोदी बातचीत: व्यापार और रणनीति पर फोकस
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत–अमेरिका के बीच व्यापार समझौतों, निवेश बढ़ाने और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। रक्षा, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता जैसे मुद्दों पर भी सहमति बनी। यह बातचीत बताती है कि अमेरिकी राजनीति में बदलावों के बावजूद भारत की अहमियत बनी हुई है।
पुतिन का भारत दौरा: रूस के साथ 2030 का विजन
इसी हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आए। इस दौरान भारत–रूस के आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को नई दिशा देने के लिए 2030 तक का साझा रोडमैप तैयार किया गया। ऊर्जा, रक्षा उत्पादन, कच्चे तेल और गैस, परमाणु ऊर्जा और व्यापार को लेकर कई अहम सहमतियां बनीं। यह दौरा साफ संकेत देता है कि वैश्विक तनावों के बीच भी भारत संतुलित और स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम है।
नेतन्याहू की भारत यात्रा की तैयारी: शांति और सुरक्षा पर चर्चा
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी जल्द भारत आने वाले हैं। उन्होंने पीएम मोदी से मध्य पूर्व की स्थिति और संभावित शांति योजना पर बातचीत की है। यह कदम भारत की बहुध्रुवीय कूटनीति को दर्शाता है, जिसमें भारत अमेरिका, रूस, इजराइल और अन्य देशों के साथ संतुलन बनाकर रिश्ते आगे बढ़ा रहा है।
भारत की बहुध्रुवीय कूटनीति का असर
इन सभी घटनाओं से साफ है कि भारत अब किसी एक गुट तक सीमित नहीं है। पीएम मोदी की अगुवाई में भारत अलग-अलग वैश्विक शक्तियों के साथ अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए मजबूत संबंध बना रहा है। चाहे व्यापार हो, रक्षा हो, टेक्नोलॉजी हो या शांति प्रयास—हर मोर्चे पर भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा असरदार हो गई है।
कुल मिलाकर, बीते एक हफ्ते में हुए ये घटनाक्रम दिखाते हैं कि भारत का वैश्विक कद तेजी से बढ़ रहा है और पीएम मोदी की कूटनीति ने दुनिया को यह एहसास करा दिया है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति का एक अहम केंद्र बन चुका है।