Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jan, 2022 04:50 PM
विदेशी चंदे के लिए 6,000 से ज्यादा NGO के FCRA लाइसेंस रद्द करने का मामले में सुप्रीम कोर्ट से गैर सरकारी संगठनों को राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा देने के लिए अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।
नेशनल डेस्क: विदेशी चंदे के लिए 6,000 से ज्यादा NGO के FCRA लाइसेंस रद्द करने का मामले में सुप्रीम कोर्ट से गैर सरकारी संगठनों को राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा देने के लिए अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये संगठन अपने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए केंद्र को प्रतिनिधित्व दें और केंद्र इन पर कानून के अनुसार फैसला ले। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की दलील भी सुनी कि करीब 11000 NGO ने आवेदन किया और उनके लाइसेंस नवीनीकृत किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो फिलहाल इस मामले में दखल नहीं देना चाहता है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के लिए संजय हेगड़े ने कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के संबंध में हमारी प्रार्थनाओं की जरूरत नहीं, क्योंकि लाइसेंस नवीनीकृत हो चुका है, ऐसे ज्यादातर संगठन अच्छा काम कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि जब तक कोविड को आपदा अधिसूचित किया गया है, लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाना चाहिए।
वहीं इस याचिका का विरोध करते हुए SG तुषार मेहता ने कहा कि यह सार्वजनिक उत्साही NGO USA के ह्यूस्टन का है। 11000 से ज्यादा NGO ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया, इनका लाइसेंस पहले ही बढ़ाया जा चुका है, मुझे नहीं पता कि इस याचिका के साथ क्या उद्देश्य है, लेकिन कुछ तो गड़बड़ है। बता दें कि 6,000 से ज्यादा NGO का FCRA पंजीकरण रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि कम लाइसेंस रद्द करने से कोविड राहत प्रयासों पर असर पड़ सकता है।