Edited By Mehak,Updated: 16 Aug, 2025 12:17 PM

बॉलीवुड की बेबाक अदाकारा कंगना रनौत अब राजनीति में भी सक्रिय हैं और हिमाचल प्रदेश के मंडी से BJP सांसद के रूप में कार्यरत हैं। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने फिल्मी करियर और राजनीतिक जीवन के अनुभव साझा किए, खासतौर पर लंबे सफ़र के दौरान...
नेशनल डेस्क : बॉलीवुड की बेबाक अदाकारा कंगना रनौत अब राजनीति में भी सक्रिय हैं और हिमाचल प्रदेश के मंडी से BJP सांसद के रूप में कार्यरत हैं। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने फिल्मी करियर और राजनीतिक जीवन के अनुभव साझा किए, खासतौर पर लंबे सफ़र के दौरान पीरियड्स हाईजीन बनाए रखने की मुश्किलों पर खुलकर बात की।
सफर के दौरान पीरियड्स हाईजीन की चुनौती
कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में बताया कि शूटिंग के दौरान Menstrual Hygiene बनाए रखना अपेक्षाकृत आसान होता है, क्योंकि वहां एक्ट्रेस के लिए वैनिटी वैन, शॉवर और गर्म पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। उन्होंने कहा, 'फिल्म सेट पर आप जितनी बार चाहें सैनिटरी पैड बदल सकती हैं, नहा सकती हैं, और हर सुविधा मौजूद होती है।'
लेकिन राजनीति में परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। कंगना ने बताया कि एक सांसद के तौर पर उन्हें अक्सर दिनभर, 12 घंटे से भी ज्यादा सफ़र करना पड़ता है और कई जगहों पर महिलाओं के लिए टॉयलेट की सुविधा नहीं होती। यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि अन्य महिला सांसदों के लिए भी बड़ी समस्या है। उनके शब्दों में, 'यह एक गंभीर समस्या है, जिसे मैनेज करना कई बार लगभग असंभव हो जाता है।'
कंगना रनौत का फिल्मी सफर
कंगना रनौत ने 2006 में महेश भट्ट द्वारा प्रोड्यूस और अनुराग बसु द्वारा निर्देशित फिल्म गैंगस्टर से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने वो लम्हे (2006), लाइफ इन ए मेट्रो (2007) जैसी फिल्मों में काम किया। 2008 में मधुर भंडारकर की फिल्म फ़ैशन में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला। उनके करियर का टर्निंग पॉइंट 2014 में आई क्वीन और 2015 की तनु वेड्स मनु रिटर्न्स रहीं, जिनके लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। हाल ही में वह अपनी फिल्म इमरजेंसी में नजर आईं थी, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी का रोल प्ले किया था।
राजनीति में कंगना रनौत
2024 में कंगना ने राजनीति में कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ीं। उसी साल वे हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद चुनी गईं। अपने बेबाक स्वभाव के कारण वे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर राय रखती हैं। हालांकि, इस दौरान उन्हें विवादों और आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है, लेकिन समर्थकों का कहना है कि उनकी स्पष्टवादिता ही उनकी सबसे बड़ी पहचान है।