Edited By Rohini Oberoi,Updated: 18 Dec, 2025 02:48 PM

क्या किसी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाला जा सकता है क्योंकि वह बीमार है और उसे छुट्टी चाहिए? हाल ही में एक इंटर्न के साथ हुई घटना ने भारतीय कॉर्पोरेट जगत के 'टॉक्सिक वर्क कल्चर' (Toxic Work Culture) और श्रम कानूनों की हकीकत को एक बार फिर...
नेशनल डेस्क। क्या किसी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाला जा सकता है क्योंकि वह बीमार है और उसे छुट्टी चाहिए? हाल ही में एक इंटर्न के साथ हुई घटना ने भारतीय कॉर्पोरेट जगत के 'टॉक्सिक वर्क कल्चर' (Toxic Work Culture) और श्रम कानूनों की हकीकत को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। रेडिट (Reddit) पर वायरल हुई एक पोस्ट के अनुसार, एक इंटर्न को उसकी बीमारी के समय छुट्टी मांगने पर न केवल इनकार मिला बल्कि उसे नौकरी से ही हाथ धोना पड़ा।
डॉक्टर की सलाह बनाम मैनेजर की ज़िद
पूरा मामला एक मेडिकल इमरजेंसी से जुड़ा है। इंटर्न को 'एटॉपिक डर्मेटाइटिस' (Atopic Dermatitis) नामक गंभीर एलर्जी हो गई थी। डॉक्टर ने मरीज को बाहर धूप में निकलने से बचने और आराम करने की सलाह दी थी।जब इंटर्न ने दो दिन की मेडिकल लीव मांगी तो मैनेजर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि 'नए फाइनेंशियल सिस्टम' में प्रोफाइल सिंक करने के लिए उसका ऑफिस में होना अनिवार्य है। इंटर्न ने अपनी सेहत को प्राथमिकता दी और ऑफिस नहीं गया।
ईमेल से मिली बर्खास्तगी की खबर
छुट्टी लेने के दो दिन बाद ही इंटर्न के पास एक ईमेल आया जिसे देखकर उसके होश उड़ गए। कंपनी ने उसे यह कहते हुए निकाल दिया कि "काम के प्रति उसके समर्पण (Dedication) में कमी है।" हैरानी की बात यह है कि वह इंटर्न महज 60 डॉलर (लगभग 5,000 रुपये) प्रति माह की मामूली सैलरी पर काम कर रहा था। इतनी कम सैलरी और गंभीर बीमारी के बावजूद कंपनी ने सहानुभूति दिखाने के बजाय उसे नौकरी से बाहर करना बेहतर समझा।
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'ऑफिस एक परिवार है'—दावा या दिखावा?
यह घटना उन कंपनियों के दोहरे चेहरे को उजागर करती है जो अक्सर यह दावा करती हैं कि उनका स्टाफ एक परिवार की तरह है। विशेषज्ञों का कहना है कि 'परिवार' वाला जुमला अक्सर कर्मचारियों से ज्यादा काम (Overtime) लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन जब कर्मचारी को असल में मदद या बीमारी में ब्रेक की जरूरत होती है तो मैनेजमेंट उसे बोझ समझने लगता है।
क्या कहते हैं कानून और सोशल मीडिया यूजर्स?
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। यूजर्स ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया। कई लोगों ने सुझाव दिया कि इंटर्न को लेबर डिपार्टमेंट (Labor Department) में शिकायत करनी चाहिए क्योंकि न्यूनतम वेतन और गलत तरीके से बर्खास्तगी (Wrongful Termination) कानूनन अपराध है। यूजर्स ने यह भी कहा कि यदि यह इंटर्नशिप किसी यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा थी तो संस्थान को उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिए।