ऑफ द रिकॉर्ड: मंत्रालयों के चार्ज सौंपने-संभालने के किस्से रहे खास

Edited By Pardeep,Updated: 06 Jun, 2019 05:18 AM

much of the handling of charge of ministries

मोदी-2 सरकार के मंत्रियों ने 30 मई को शपथ ली और 31 मई को दोपहर तक उन्हें मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया गया लेकिन कहानी यहीं समाप्त नहीं हुई। दरअसल इस बार मोदी सरकार के मंत्रियों द्वारा चार्ज सौंपते समय और अपने-अपने मंत्रालय के चार्ज लेते समय कुछ...

नेशनल डेस्क: मोदी-2 सरकार के मंत्रियों ने 30 मई को शपथ ली और 31 मई को दोपहर तक उन्हें मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया गया लेकिन कहानी यहीं समाप्त नहीं हुई। दरअसल इस बार मोदी सरकार के मंत्रियों द्वारा चार्ज सौंपते समय और अपने-अपने मंत्रालय के चार्ज लेते समय कुछ दिलचस्प किस्से सामने आए जिन्हें राजनीतिक विश्लेषक अच्छी तरह से समझते हैं। 
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सबकी निगाहें नॉर्थ ब्लॉक पर टिकी हुई थीं जहां मोदी सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री अमित शाह 2 जून को गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने पहुंचे लेकिन इस दौरान उनके पूर्ववर्ती राजनाथ सिंह चार्ज सौंपने के लिए कहीं भी नजर नहीं आ रहे थे। अमित शाह के पहुंचने से पहले राजनाथ सिंह उदास मन से अपने आवास पर 200 फाइलें निपटाने में लगे हुए थे। बाद में उन्होंने अपने घर से ही फाइल साइन करते हुए चार्ज सौंपा। 
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राजनाथ सिंह इस बात को लेकर परेशान थे कि उनकी पूर्ववर्ती निर्मला सीतारमण जिन्हें अब वित्त मंत्रालय दिया गया है, 1 जून को उन्हें चार्ज सौंपने नहीं पहुंची थीं। दूसरे, रक्षा मंत्रालय सीधे पी.एम.ओ. से शासित होता है जहां एन.एस.ए. अजीत डोभाल सीधे नजर रखते हैं और प्रधानमंत्री व्यक्तिगत तौर पर सभी संवेदनशील मामलों को देखते हैं। खास बात यह भी रही कि मंत्रालयों का बंटवारा होने के बाद निर्मला सीतारमण बिना कोई समय गंवाए 31 मई को ही वित्त मंत्रालय का चार्ज लेने पहुंच गईं। उससे पहले वह अरुण जेतली के आवास पर गईं और उनका आशीर्वाद लिया तथा उसके बाद सीधे नॉर्थ ब्लॉक पहुंच गईं। जब 1 जून को राजनाथ सिंह वहां पहुंचे तो उन्हें केवल सचिव और सेनाओं के मुखिया ही मिले। 
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एस. जयशंकर के साथ भी ऐसा ही मामला पेश आया जब वह अपने मंत्रालय में पहुंचे क्योंकि उनकी पूर्ववर्ती सुषमा स्वराज चार्ज सौंपने के लिए वहां मौजूद नहीं थीं क्योंकि सुषमा अब न तो सांसद हैं और न ही उन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया है, ऐसे में उन्होंने घर बैठ कर टी.वी. देखना ही बेहतर समझा। रविशंकर प्रसाद के साथ भी कुछ ऐसा ही किस्सा हुआ जिन्होंने संचार मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। उनके पूर्ववर्ती मनोज सिन्हा भी वहां नहीं थे क्योंकि वह लोकसभा चुनाव हार गए थे। महिला एवं बाल तथा कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को उम्मीद थी कि मेनका गांधी उन्हें चार्ज सौंपेंगी लेकिन 8वीं बार सांसद बनी मेनका महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का चार्ज सौंपने के लिए नहीं आईं। बाद में स्मृति ईरानी उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने उनके घर पहुंचीं। 
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अम्बाला से सांसद रत्न लाल कटारिया जिन्हें सामाजिक न्याय और पर्यावरण का राज्यमंत्री बनाया गया है, भी चार्ज लेने पहुंचे। इस महत्वपूर्ण मंत्रालय में एक कैबिनेट मंत्री और 3 राज्यमंत्री हैं लेकिन न तो उनके लिए कमरा तैयार था और न ही उन्हें कोई रिसीव करने पहुंचा। हताश कटारिया ने अपने सीनियर थावर चंद गहलोत को फोन लगाया तो उन्हें यह कह कर शांत किया गया कि वह 4 जून को चार्ज लेने के लिए आएं। वाणिज्य मंत्रालय में केवल सुरेश प्रभु ही ऐसे पूर्व मंत्री थे जो प्रोटोकॉल और शिष्टाचार के अनुसार पीयूष गोयल को चार्ज सौंपने के लिए उद्योग भवन में उपस्थित थे। 

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