गुजरात, राजस्थान, MP और छत्तीसगढ़ के लिए BJP की चुनावी रणनीति तैयार, इस पर रहेगा फोकस

Edited By Anil dev,Updated: 25 Apr, 2022 12:14 PM

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भाजपा ने चार राज्यों में आरक्षित वर्गों तक पहुंचने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जहां इस साल के अंत या अगले साल चुनाव होने हैं।

नेशनल डेस्क: भाजपा ने चार राज्यों में आरक्षित वर्गों तक पहुंचने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जहां इस साल के अंत या अगले साल चुनाव होने हैं। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश (एमपी) और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर अनुसूचित जनजातियों के लिए 128 सीटें आरक्षित हैं और भाजपा 2017 और 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 35 सीटें ही जीत पाई थी। इसलिए इस बार भाजपा ने इन राज्यों की जनजातियों तक पहुंचने के लिए अभी से अपनी चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो इस सप्ताह की शुरुआत में गुजरात में थे।

उन्होंने आदिवासी बहुल दाहोद जिले में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें पांच अन्य जिलों के जनजातियों ने भाग लिया। जनजातियों की वेशभूषा से परिचित जैकेट और टोपी पहने मोदी ने बिरसा मुंडा और अन्य नायकों के बलिदानों को याद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जनजातियों के कल्याण के लिए शुरू किए गए कार्यों का उल्लेख किया। गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां 2017 में कांग्रेस ने जनजातीय इलाकों में भाजपा से बेहतर प्रदर्शन किया था और 27 एसटी सीटों में से 15 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने 9 ही सीटें जीती थीं। कुल मिलाकर भाजपा ने इस बार जनजातियों पर फोकस कर उनके लिए बनी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने की मुहिम तेज कर दी है।

एमपी में जनजातियों तक पहुंचे थे शाह
मोदी ने पिछले नवंबर में भोपाल में एक जनजातीय गौरव दिवस को संबोधित करके मध्य प्रदेश में अपनी पहुंच शुरू की थी। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भोपाल में तेंदूपत्ता बीनने वालों की एक रैली को संबोधित किया था। शाह ने कहा था कि एमपी में 21 प्रतिशत जनजाति आबादी है। उनका कल्याण सुनिश्चित किए बिना राज्य का विकास नहीं हो सकता है। तेंदूपत्ता बीनने वालों के लिए कई योजनाओं घोषणा की गई थी।

शाह ने 827 वन गांवों को राजस्व गांवों में बदलने की राज्य सरकार की योजना की भी घोषणा की थी। उनमें ज्यादातर आदिवासी आबादी है और वन भूमि के कारण विकास प्रतिबंधित है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने जनजातियों के विकास के लिए आवंटन बढ़ाकर 78,000 करोड़ रुपये कर दिया है, जो कांग्रेस के शासन के दौरान 21,000 करोड़ रुपये था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई एक घोषणा पर शाह ने कहा था कि पहली बार, एक राज्य सरकार जनजातियों को जंगलों से होने वाली आय का 20 प्रतिशत देने के लिए काम कर रही है।

कांग्रेस ने जीती थी आरक्षित  86 सीटें
कांग्रेस ने चार राज्यों में एसटी के लिए आरक्षित 128 सीटों में से 86 सीटें जीती थीं। एमपी में 47 एसटी आरक्षित सीटों में से कांग्रेस ने 31 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने 2018 में 16 सीटें जीतीं। शाह मई में राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्र बांसवाड़ा में इसी तरह की सभाओं को संबोधित करेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस महीने की शुरुआत में सवाई माधोपुर जिले में एक जनजाति सम्मेलन को संबोधित किया था। राजस्थान की 25 एसटी सीटों में से इस समय कांग्रेस 13 और भाजपा 8 का प्रतिनिधित्व करती है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 2018 में 29 एसटी आरक्षित सीटों में से 27 पर जीत हासिल की थी, जबकि यहां भाजपा सिर्फ दो सीटों पर कामयाब रही थी। पीएम मोदी, शाह या नड्डा ने छत्तीसगढ़ यात्रा की अभी योजना नहीं बनाई गई है, इस महीने कई केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य का दौरा किया है। माह समाप्त होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, भानु प्रताप सिंह वर्मा, अश्विनी चौबे, देवुसिंह चौहान और अर्जुन मेघवाल के दौरे पर तीन और मंत्री आएंगे। बस्तर संभाग के सात जिलों सहित छत्तीसगढ़ के दस जिलों में एक उच्च जनजाति आबादी है।

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