बरसात में आया तेज बुखार कोरोना ही नहीं, टाइफाइड भी हो सकता है !

Edited By Anil dev,Updated: 15 Jul, 2022 03:43 PM

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बारिश का मौसम जगह-जगह गड्ढों में गंदा पानी जमा हाने से मच्छर और मक्खियां पनपते रहते हैं, जिसके कारण बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको बरसात के मौसम में बुखार है तो जरूरी ही नहीं आपको कोरोना वायरस हो, खाने पीने की वस्तुओं पर ध्यान न देने के कारण...

नेशनल डेस्क: बारिश का मौसम जगह-जगह गड्ढों में गंदा पानी जमा हाने से मच्छर और मक्खियां पनपते रहते हैं, जिसके कारण बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको बरसात के मौसम में बुखार है तो जरूरी ही नहीं आपको कोरोना वायरस हो, खाने पीने की वस्तुओं पर ध्यान न देने के कारण आपको टायफायड भी हो सकता है। आप बसरसात के मौसम में बाहर कुछ खाने पीने जाते हैं, तो इंफेक्शन का रिस्क और भी दोगुना ज्यादा बढ़ जाता है।  बाहर के अनहाइजीनिक खाने या पानी पी लेने से टाइफाइड, पीलिया जैसी वाटरबॉर्न बीमारियों का आसानी से शिकार हो जाते हैं।

टाइफाइड एक गैस्ट्रोइंटेस्टिनल इंफेक्शन है, जो साल्मोनेला टाइफी नाम के बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है। ये बैक्टीरिया आपके मुंह के जरिए आपकी आंतों में चला जाता है। फिर वहां से ब्लड के माध्यम से पूरे शरीर में छुप जाता है, जहा इसका पता आपके इम्यून सेल्स भी नहीं लगा पाते। खाने-पीने की चीजों के साथ शरीर में जाने के अलावा ये बैक्टीरिया किसी ऑलरेडी संक्रमित व्यक्ति के मल से उसके चारों तरफ होने वाली पानी की आपूर्ति को भी दूषित कर सकती है। जिसकी वजह से ये किसी और व्यक्ति के संपर्क में भी आ सकता है।

टाइफाइड के मरीज को बार बार तेज बुखार चढ़ने और उतरने की शिकायत हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये कीटाणु शरीर में जाने के बाद रिप्रोडक्शन करते हैं। जिससे उनकी तादाद दोगुनी हो जाती है। इनसे लड़ने के लिए बॉडी अपना टेंपरेचर बढ़ा लेती है।  बुखार, भूख न लगने जैसे कारणों की वजह से आपको सिरदर्द का अनुभव भी हो सकता है। 

टाइफाइड के अधिकतर मरीजों को दस्त और उल्टी की शिकायत होती है, आपके स्टूल का रंग डार्क होता है, जिसके साथ उल्टी की शिकायत होती है। शरीर का टेंपरेचर बढ़ने से डाइजेशन संबंधी एंजाइम काम करना बंद करने लगते हैं। इसलिए आपकी भूख कम हो सकती है, या फिर थोड़ा सा खाने के बाद भी आपको पेट भरा-भरा सा लग सकता है। टाइफाइड के बैक्टीरिया काफी स्ट्रांग होते हैं। और अक्सर देखा जाता है कि करीब एक हफ्ता टाइफाइड से संक्रमित होने के बाद पेशेंट के लिवर का आकार बढ़ने लगता है। ऐसा खासतौर पर बच्चों में देखने में आता है।

टाइफाइड के मरीज को परहेज के साथ ये भी खास रूप से ध्यान रखना है कि अगर आप टाइफाइड से संक्रमित हो गए हैं। तो आपको अपनी डाइट पर खास फोकस करना है क्योंकि इससे आप बीमारी से लड़ने में सक्षम होंगे। डॉक्टरों के मुताबिक हाई-कैलोरी युक्त डाइट लें और रोटी, केला, उबला हुआ आलू अधिक खाएं। लिक्विड अधिक लें, पर्याप्त पानी और फ्रेश फ्रुट से तैयार जूस का सेवन अधिक करें। उबले हुए चावल, बेक्ड आलू खाएं क्योंकि इन्हें पचाना आसान होता है। इसके अलावा प्रोटीन युक्त खाना जैसे फलियां, पनीर और दही खाएं।
 

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