ऑफ द रिकॉर्डः अयोध्या के संतों से सरकार की सुलह

Edited By Pardeep,Updated: 12 Feb, 2020 05:24 AM

off the record government s reconciliation with ayodhya s saints

आखिरकार मोदी सरकार ने अयोध्या के उन संतों को मना लिया है जो नवगठित राम मंदिर ट्रस्ट (राम जन्मभूमि तीर्थ स्थान) में शामिल नहीं किए जाने पर आक्रोशित थे। इन संतों को पिछले हफ्ते सरकार द्वारा गठित 15 सदस्यीय मंदिर ट्रस्ट से बाहर रखा गया था। उल्लेखनीय है...

नेशनल डेस्कः आखिरकार मोदी सरकार ने अयोध्या के उन संतों को मना लिया है जो नवगठित राम मंदिर ट्रस्ट (राम जन्मभूमि तीर्थ स्थान) में शामिल नहीं किए जाने पर आक्रोशित थे। इन संतों को पिछले हफ्ते सरकार द्वारा गठित 15 सदस्यीय मंदिर ट्रस्ट से बाहर रखा गया था। उल्लेखनीय है कि ये संत 1949 से राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में जीत के बाद उन्हें नजरअंदाज किए जाने से वे काफी नाराज हैं। अब यह बात सामने आई है कि पिछले 50 वर्षों से राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए काम करने वाले नृत्य गोपाल दास को राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। 

यदि गृह मंत्रालय के सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो नृत्य गोपाल दास को वर्तमान ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है। यह फैसला 19 फरवरी को दिल्ली में होने वाली 9 ट्रस्टियों की बैठक में लिया जा सकता है। ट्रस्ट में इस समय 2 स्थान रिक्त हैं जिन्हें 9 सदस्यीय ट्रस्ट द्वारा 2 अन्य सदस्यों को शामिल करके पूरा किया जा सकता है। उन्हें सरकार द्वारा ट्रस्टी के तौर पर सीधे नियुक्त नहीं किए जाने का एक कारण यह भी था कि उनके खिलाफ सी.बी.आई. कोर्ट में एक आपराधिक मामला लम्बित है। भाजपा नेतृत्व ने एक वरिष्ठ नेता और अयोध्या के विधायक को संत को यह संदेश देने के लिए भेजा था कि उन्हें ट्रस्टियों द्वारा शीघ्र ही ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अथवा गठित किए जाने वाले बोर्ड का चेयरमैन बना दिया जाए लेकिन इस बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। 

प्रस्ताव यह है कि ट्रस्ट द्वारा अन्य राम मंदिर निर्माण बोर्ड का गठन किया जाएगा जो मंदिर निर्माण का काम देखेगा तथा नृत्य गोपाल दास इसके अध्यक्ष हो सकते हैं। नृत्य गोपाल दास इस समय राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष हैं जिसे आर.एस.एस. और विश्व हिन्दू परिषद द्वारा मंदिर निर्माण का कार्य सौंपा गया है। मंदिर निर्माण का  कार्य पहले ही शुरू हो चुका है और अब अगली प्रक्रिया अप्रैल शुरू होगी। ट्रस्ट में जिस दूसरे व्यक्ति को शामिल करने पर चर्चा हो रही है वह हैं चम्पत राय, जो विहिप के उपाध्यक्ष हैं तथा संतों और आर.एस.एस.-विहिप को एक साथ लाने में उनकी अहम भूमिका रही है।

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