भाजपा से हाथ नहीं मिलाने का हमारा रुख हमेशा स्पष्ट रहा है: शरद पवार

Edited By Updated: 03 Dec, 2023 12:26 AM

our stance of not joining hands with bjp has always been clear

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ नहीं मिलाने का उनकी पार्टी का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है और यदि इसके विपरीत कोई सुझाव आया भी, तो उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। पवार ने...

नेशनल डेस्क : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ नहीं मिलाने का उनकी पार्टी का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है और यदि इसके विपरीत कोई सुझाव आया भी, तो उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। पवार ने यह टिप्पणी यहां संवाददाता सम्मेलन में की। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब उनके भतीजे एवं बागी राकांपा नेता अजित पवार ने एक दिन पहले उनपर निशाना साधा था। शरद पवार ने कहा, ‘‘यदि किसी ने सुझाव दिया कि हमें अपने रुख के विपरीत भाजपा का समर्थन करना चाहिए, (तब भी) मेरे सहित पार्टी में कई लोग उस (सुझाव) से सहमत नहीं थे।

भाजपा के साथ नहीं जाने का हमारा रुख बहुत स्पष्ट रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विचार भाजपा (की विचारधारा) के साथ सुसंगत नहीं हैं। हमने विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने के लिए वोट नहीं मांगे थे, हमने उनके खिलाफ लड़ने के लिए वोट मांगे थे। मैं अपने रुख पर कायम था कि अगर हम भाजपा के साथ जाते हैं तो, उन लोगों के साथ धोखा होगा जो हमारी विचारधारा में विश्वास करते हैं।'' अजित पवार पर तंज कसते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यदि सुबह-सुबह पद की शपथ लेने वाला कोई व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि यह पार्टी की नीति है, तो उस व्यक्ति को ‘‘गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।''

अजित पवार की इस घोषणा पर कि उनका गुट बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगा - जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में सुप्रिया सुले कर रही हैं - शरद पवार ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है। पवार से जब उनके पूर्व सहयोगी एवं अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल की उस टिप्पणी के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने कहा है कि वह एक दिन अपने जीवन की कई राजनीतिक घटनाओं का वर्णन करते हुए एक किताब लिखेंगे, पवार ने कहा, ‘‘अगर वह एक किताब लिख रहे हैं तो यह अच्छी बात है और मैं इसका इंतजार कर रहा हूं। उन्हें इस पर एक अध्याय लिखना चाहिए कि लोग उनकी पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं। मैंने तो यह भी सुना है कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के अधिकारी मुंबई में उनके घर आए थे, इस विषय पर भी एक अध्याय होना चाहिए।''

इस साल जुलाई में महाराष्ट्र में भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की सरकार में शामिल हुए अजित पवार गुट ने पहले भी दावा किया है कि शरद पवार भी एक समय भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में थे, लेकिन बाद में अपना रुख बदल लिया। वर्ष 2019 में, अजित पवार ने सुबह-सुबह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, बहुमत के अभाव में फडणवीस-अजित पवार सरकार चार दिनों के भीतर ही गिर गई।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कर्जत में अपने गुट के एक सम्मेलन में दावा किया था कि शरद पवार के नेतृत्व वाला समूह सुलह के लिए उनसे संपर्क कर रहा था और इस उद्देश्य के लिए एक बैठक 12 अगस्त को उद्योगपति अतुल चोरडिया के पुणे स्थित आवास पर रखी गई थी। अजित पवार ने पूछा था कि यदि वरिष्ठ नेता पवार को शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने का फैसला पसंद नहीं आया, तो उन्होंने ऐसी बैठक क्यों बुलाई।

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