Edited By Mahima,Updated: 03 Mar, 2024 09:12 AM
इंडिया गठबंधन से नाराज हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (ए.आई.एम.आई.एम.) ने उत्तर प्रदेश की सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयार कर ली है। पार्टी का आरोप है कि इंडिया गठबंधन उसके साथ...
नेशनल डेस्क: इंडिया गठबंधन से नाराज हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (ए.आई.एम.आई.एम.) ने उत्तर प्रदेश की सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयार कर ली है। पार्टी का आरोप है कि इंडिया गठबंधन उसके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। ए.आई.एम.आई.एम. के प्रदेश प्रवक्ता असीम वकार ने कहा कि ए.आई.एम.आई.एम. उत्तर प्रदेश की 7 महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर विचार विमर्श कर रही हैं। इसमें मेरठ, आजमगढ़, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, फिरोजाबाद और बदायूं लोकसभा सीट शामिल है। इसको लेकर पार्टी नेताओं के बीच इन सीटों को लेकर लगातार बातचीत चल रही है। अब तक तीन राउंड की बातचीत हो चुकी है।
अखिलेश को भी टक्कर देने की तैयारी
अगर इन सात सीटों की बात करें तो इसमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की संभावित लोकसभा सीट आजमगढ़ भी है, जहां से वो लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसका मतलब है कि ए.आई.एम.आई.एम. अखिलेश यादव की सीट पर अपना उम्मीदवार उतारकर मुस्लिम समाज को बड़ा संदेश देना चाहती है। ए.आई.एम.आई.एम. इसके अलावा अखिलेश यादव शिवपाल यादव की बदायूं सीट पर भी उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। ओवैसी की पार्टी समाजवादी पार्टी के दिग्गज लीडर प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बेटे की फिरोजाबाद सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतारने को लेकर मंथन कर रही है।
करीब 4 करोड़ है मुस्लिम आबादी
आंकड़ों की मानें तो यू.पी. की कुल आबादी में मुस्लिम 19.3 फीसदी (3.84 करोड़) हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, रोहिलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में उनकी मजबूत उपस्थिति है। राज्य में 21 लोकसभा सीटें हैं जहां 30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। यूपी में मुस्लिम बहुल सीटों में सहारनपुर, मेरठ, कैराना, बिजनौर, अमरोहा, मोरादाबाद, रामपुर, संभल, बुलंदशहर, अलीगढ़, घोसी और गाजीपुर शामिल हैं। माना जा रहा है कि अगर ए.आई.एम.आई.एम. राज्य में चुनाव लड़ती है तो इसका सीधा असर इन सीटों पर पड़ सकता है।
कुल मिलाकर ओवैसी की पार्टी ने अब अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले जयंत चौधरी ने उनका साथ छोड़ा, फिर स्वामी प्रसाद मौर्य सलीम शेरवानी और मनोज पांडेय जैसे नेता बागी हुए, इसके बाद राज्यसभा चुनाव में आधा दर्जन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। अखिलेश यादव इन झटकों से उबर भी नहीं पाए कि अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ए.आई.एम.आई.एम. ने उन्हें मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करने की बड़ी धमकी दी है।