अब चिदंबरम का क्या होगा?

Edited By Anil dev,Updated: 27 Aug, 2019 10:51 AM

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पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम 30 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर हैं। ईडी को भी उनसे पूछताछ करनी है। उन्हें जल्द किसी राहत की उम्मीद कम है।  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया।

नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम 30 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर हैं। ईडी को भी उनसे पूछताछ करनी है। उन्हें जल्द किसी राहत की उम्मीद कम है।  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला सुनवाई के लिए आने से पहले ही चिदंबरम की गिरफ्तारी हो चुकी है, लिहाजा पुरानी याचिका का अब कोई अर्थ नहीं। नए सिरे से उचित कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करें। उन्हें अब निचली अदालतों से होकर आना होगा और इसमें समय लगेगा।

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कपिल सिब्बल के सुप्रीम कोर्ट में तर्क 
 26 घंटे की पूछताछ में भी सीबीआई कुछ  नहीं निकाल पाई है। क्या आपके पास ट्विटर एकाउंट है? इस तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज को इस केस से जुड़े जो दस्तावेज सौंपे हैं। वह दस्तावेज चिदंबरम को नहीं दिखाए गए हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि कोर्ट को सौंपे दस्तावेजों को देखने का अधिकार भी हमें न मिले। दूसरी ओर दस्तावेज और हलफनामा मीडिया में लीक किया गया है। 

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सीबीआई कोर्ट में क्या हुआ 
पांच दिन के रिमांड के बाद सीबीआई ने पी चिदंबरम को सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया। सीबीआई ने अदालत से पांच दिन का और रिमांड मांगा। सीबीआई अदालत ने 30 अगस्त तक रिमांड बढ़ाई। चिदंबरम की याचिका पर अब राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी। 

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ईडी का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि चिदंबरम और अन्य आरोपियों ने अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, वर्जिन द्वीप समूह, फ्रांस, ग्रीस, मलेशिया, मोनाको, फिलीपींस, सिंगपुरा, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन और श्रीलंका में मूल्यवान संपत्ति जुटाई है। ईडी का दावा है कि यह विशिष्ट जानकारी खुफिया इकाई से प्राप्त की है।

ये हैं आरोप
वित्तमंत्री रहते हुए 2007 में चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। आईएनएक्स ने मॉरिशस की दो कंपनियों डनियर्न और एनएसआर-पीई तथा अमरीकी कंपनी न्यू वर्नन प्राइवेट इक्विटी लिमिटेड से विदेशी निवेश लेने का प्रस्ताव किया था। मामले में सरकारी गवाह बनीं जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी ने इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति को लाभ देने का आरोप लगाया था। 

सॉलिसिटर जनरल का दावा 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दावा किया था कि एफआईपीबी क्लियरेंस के लिए अवैध लेन-देन के पर्याप्त साक्ष्य हैं। फर्जी कंपनियों के जरिए रुपये के लेन-देन को अंजाम दिया गया है। इस मामले का दायरा बहुत बड़ा है। विदेशों में 10 अचल संपत्तियां हैं। अलग-अलग नाम से 17 बैंक खाते हैं। हमें उन लोगों के बारे में जानकारी जुटानी है। किनके नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई गई हैं। इन कंपनियों के मालिकों ने चिदंबरम की पोती के नाम पर वसीयत लिखी है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाया था मामला
2015 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार पी. चिदंबरम पर यह आरोप लगाया थी कि उन्होंने वित्तमंत्री रहते हुए अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस डील के जरिए फायदा लेने में मदद की है। इसके लिए न केवल दस्तावेजों की प्रक्रिया रोकी गई, बल्कि कुछ समय के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया को भी नियंत्रित कर दिया गया। 

पी चिदंबरम का जवाब
 सूत्रों के मुताबिक सीबीआई पूछताछ में चिदंबरम ने आरोपों पर कहा है कि मेरे नीचे एफआईपीबी डिविजन था, जिसमें लगभग 7-8 आईएएस अधिकारी थे, वे सभी अपने काम में बेहद निपुण थे। वही लोग सारी फाइलें देखते थे, मेरे पास इतना टाइम नहीं होता था कि मैं सारी फाइलें पढ़ सकूं। मैं उनकी सिफारिशों पर विचार करता था। अगर कोई गलती हुई है तो अधिकारी जानें। 

पूर्व वित्त सचिव का बयान
पूर्व वित्त सचिव डी. सुब्बाराव ने बयान दिया है कि आईएनएक्स मीडिया में नियमों के उल्लंघन की जानकारी एफआईपीबी को नहीं दी गई थी।

क्या होना चाहिए था 
 वित्त मामलों के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार तय सीमा से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन था और वित्तमंत्रालय को सरसरी तौर पर इसे अनुमोदित करने की बजाय भारतीय रिजर्व बैंक के पास भेजना चाहिए था।

एजैंसी का आरोप

  • तीन गुना अघोषित संपत्ति है चिदंबरम के पास 
  • सीबीआई और ईडी ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को जानकारी दी है कि चिदंबरम परिवार की घोषित संपत्ति 175 करोड़ रुपये है मगर अघोषित संपत्ति इससे तीन गुना ज्यादा है।  इसका विवरण इस प्रकार है। 


विदेशों तक फैली है प्रॉपर्टी

  • चिदंबरम के पास 5 लाख रुपए की नकदी, 25 करोड़ बैंकों व अन्य संस्थाओं में जमा हैं
  • 13.47 करोड़ रुपए के शेयर, डिबेंचर, पोस्ट ऑफिस योजनाओं में करीब 35 लाख रुपए जमा हैं
  • 10 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी, 27 लाख रुपए की गाडिय़ां और 85 लाख रुपए की ज्वैलरी है
  • सबसे बड़ा डिपॉजिट 20 करोड़ का है जबकि सबसे कम 3 हजार रुपए का है
  • दिल्ली के जोरबाग में कार्ति और उनकी मां के नाम 16 करोड़ रुपए का बंगला
  • ब्रिटेन में 8.67 करोड़ रुपए का कॉटेज और मकान, स्पेन के बार्सिलोना में 14.5 करोड़ का टेनिस क्लब, ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 1.5 करोड़ की संपत्ति, 7 करोड़ की कृषि भूमि, 45 लाख रुपए की व्यावसायिक इमारत और 32 करोड़ के मकान शामिल हैं
     

पत्नी की संपत्ति

  • 95 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
  • 05 करोड़ रुपए की देनदारी
  • टैक्स रिटर्न के तहत 2014-15 में पी चिदंबरम ने अपनी आय करीब 8.5 करोड़ रुपए बताई थी, वहीं उनकी पत्नी की आय करीब 1.25 करोड़ रुपए थी। 

 

बेटे कार्ति की संपत्ति
चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने अपनी संपत्ति 80 करोड़ बताई है
 

तत्कालीन अधिकारियों पर भी दर्ज होगी एफआईआर
आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में सीबीआई ने 26 घंटे की पूछताछ के दौरान करीब 90 से ज्यादा सवाल किए। इनमें अधिकांश का जवाब पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने यस या नो में ही दिया है। प्रकरण में सीबीआई ने वित्त मंत्रालय के तत्कालीन तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर भी मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। पूछताछ में  चिदंबरम ने दो ईमेल सहित एफआईपीबी की बैठक से पहले दी गई संस्तुति पर नो कहा है, जबकि इस बात पर सीबीआई ने दावा किया है कि उनके पास पूरे सबूत हंै कि वित्त मंत्रालय ने बोर्ड से पहले मंजूरी दी। एजेंसी के दावों के मुताबिक 31 मई 2007 को आईएनएक्स मीडिया में विदेशी फंड की मंजूरी बोर्ड ने दी थी लेकिन उससे चंद दिन पहले ही वित्त मंत्रालय ने इस पर सहमति जताते हुए बोर्ड को अवगत करा दिया था। सीबीआई ने सोमवार को चिदंबरम का नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर से आमना-सामना कराया।
 

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