Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 01:04 PM
बजट सत्र का दूसरा सेशन जब से शुरू हुआ है, उसी दिन से लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के चलते कोई काम नहीं हो पाया है। पिछले 15 दिनों में संसद हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। इस हंगामे से नुक्सान किसी और को नहीं बल्कि आम जनता को हुआ है। संसद आम जनता की कमाई...
नई दिल्ली: बजट सत्र का दूसरा सेशन जब से शुरू हुआ है, उसी दिन से लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के चलते कोई काम नहीं हो पाया है। पिछले 15 दिनों में संसद हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। इस हंगामे से नुक्सान किसी और को नहीं बल्कि आम जनता को हुआ है। संसद आम जनता की कमाई से ही चलती है और इस बार हंगामे के कारण देशवासियों के 120 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। एक न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक अगर संसद की कार्रवाई एक मिनट तक चलती है तो इसके लिए 2.50 लाख रुपए का खर्च आता है।
सासंदों को मिलेगी पूरी सैलरी
अगर दोनों सदनों की कार्रवाई 6 करीब घंटे चलती है तो एक दिन में 9 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। लेकिन इस बार दोनों सदनों की कार्रवाई सिर्फ नौ घंटे तक चली। यानि कि 15 दिनों में अगर दोनों सदन 6-6 घंटे तक चलते तो 90 घंटे काम होता लेकिन इस बार 81 घंटे कामकाज हुआ ही नहीं। ऐसे में जनता के 120 करोड़ से ज्यादा रुपए बर्बाद हो गए। दूसरी तरफ सांसदों का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, भले ही उन्होंने सदन में हंगामा किया और कोई काम नहीं हो सका लेकिन उनकी सैलरी पूरी ही आएगी। सरकार एक सांसद पर प्रतिमाह करीब 2.70 लाख रुपए खर्च करती है, लेकिन अप्रैल में बढ़ौतरी के बाद यह खर्च करीब 50 हजार रुपए बढ़कर प्रति सांसद 3 लाख से अधिक हो जाएगा।
राज्यसभा
15 दिन में राज्यसभा में सिर्फ 5 घंटे 10 मिनट तक ही काम हुआ। यह 27 बार स्थगित की गई। कई बार तो सदन को एक मिनट के बाद ही स्थगित करना पड़ा। इतना ही नहीं इस बार तो कई बिल बिना चर्चा के ही पेश कर दिए गए।
उल्लेखनीय है कि साल 2017 के बजट सत्र में लोकसभा में रिकॉर्डतोड़ काम हुआ था। पिछले साल संसद में 19 घंटे से भी ज्यादा काम हुआ था। इतना ही नहीं जीएसटी पर भी काफी लंबी बहस चली थी जिसके बाद इसे पारित किया गया था।