प्रधानमंत्री बताएं, तमिलनाडु सरकार ने केंद्र की कौन सी परियोजनाएं रोकीं... स्टालिन का PM मोदी पर पलटवार

Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Feb, 2024 04:27 PM

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह बताना चाहिए कि राज्य सरकार ने किन केंद्रीय योजनाओं को रोका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जन कल्याण को ध्यान में रखते हुए केवल राष्ट्रीय...

नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह बताना चाहिए कि राज्य सरकार ने किन केंद्रीय योजनाओं को रोका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जन कल्याण को ध्यान में रखते हुए केवल राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध किया था। स्टालिन मोदी के इस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि तमिलनाडु में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से सहयोग नहीं मिला है।

प्रधानमंत्री द्रमुक सरकार को बदनाम कर रहे
प्रधानमंत्री ने राज्य के दक्षिण हिस्से में स्थित तिरुनेलवेली में बुधवार को एक जनसभा के दौरान ये दावे किए थे। स्टालिन ने मोदी के बार-बार तमिलनाडु की यात्रा करने का जिक्र करते हुए कहा कि “उनके चेहरे पर हार का डर स्वाभाविक है और यह आक्रोश के रूप में प्रकट हो रहा है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्रमुक और इसकी सरकार को बदनाम कर रहे हैं।

बतांए, वे कौन सी परियोजनाएं लाये  
स्टालिन ने शुक्रवार को अपने 71वें जन्मदिवस से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा, “उनका कहना है कि हम उनके द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं को रोक रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए वे कौन सी परियोजनाएं लाये थे, जिनमें हमने बाधा डाली।” उन्होंने पूछा कि क्या द्रमुक एम्स या मेट्रो रेल के खिलाफ है और क्या सरकार कभी भी केंद्रीय परियोजना के लिए जमीन आवंटित करने में कतराई है। स्टालिन ने कहा, "प्रधानमंत्री फिजूल आरोप लगा रहे हैं।"

द्रमुक ने इन केंद्रीय पहलों का विरोध किया 
उन्होंने कहा कि द्रमुक ने कुछ केंद्रीय पहलों का विरोध किया, जिनमें एनईईटी और सीएए शामिल थे, क्योंकि ये क्रमशः छात्रों और श्रीलंकाई शरणार्थियों के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक ने नयी शिक्षा नीति और रद्द हो चुके तीन कृषि कानूनों का भी विरोध किया। स्टालिन ने कहा कि पार्टी इन दो मुद्दों पर स्पष्ट रूप से अपना विरोध दर्ज कराती रही है।

उन्होंने कहा, "मोदी एक हृदयहीन सरकार का नेतृत्व करते हैं जो एक राज्य को उचित अनुदान देने से इनकार करती है, उधार लेने से रोकती है, बाढ़ राहत राशि भी मंजूर नहीं करती है। मोदी को द्रमुक की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है।" उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में "लोकतंत्र और बहुलवाद को बनाए रखने के लिए फासीवाद व सांप्रदायिकता को हराना" और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' की जीत सुनिश्चित करना द्रमुक का "कर्तव्य" है।

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