PoK कार्यकर्ता ने जम्मू-कश्मीर में बेहतर जीवन स्थितियों की सराहना

Edited By Parminder Kaur,Updated: 28 Mar, 2024 01:11 PM

pok activist applauds improved living conditions in jammu kashmir

जम्मू कश्मीर गिलगित बाल्टिस्तान और लद्दाख के लिए राष्ट्रीय समानता पार्टी (एनईपी-जेकेजीबीएल) के अध्यक्ष प्रोफेसर सज्जाद राजा ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में रहने वाले लोगों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में रहने वाले लोगों के बीच एक...

इंटरनेशनल डेस्क. जम्मू कश्मीर गिलगित बाल्टिस्तान और लद्दाख के लिए राष्ट्रीय समानता पार्टी (एनईपी-जेकेजीबीएल) के अध्यक्ष प्रोफेसर सज्जाद राजा ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में रहने वाले लोगों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में रहने वाले लोगों के बीच एक आश्चर्यजनक तुलना की।


एक इंटरव्यू के दौरान प्रोफेसर राजा ने दोनों क्षेत्रों के बीच विकास, सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और कानून व्यवस्था में विशाल अंतर पर जोर दिया। पीओके और जीबी के निवासियों की गंभीर स्थिति पर दुख जताया। उन्होंने PoK के अस्पतालों और प्रयोगशालाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिससे निवासियों को रावलपिंडी, इस्लामाबाद और लाहौर जैसे दूर के शहरों में चिकित्सा देखभाल लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।


कार्यकर्ता ने आगे कहा- हमारे लोगों को कभी-कभी मध्य पूर्व, यूरोप, अमेरिका, कनाडा और बाकी दुनिया में प्रवास के लिए अपनी जमीन और अन्य संपत्ति बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यह एक मजबूर पलायन है जो पीओके और जीबी में हो रहा है। पाकिस्तान योजनाबद्ध तरीके से हमारे लोगों को पीओके और जीबी से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है। ताकि जनसांख्यिकी बदल जाए। 


इसके अलावा प्रोफेसर राजा ने कहा- यह एक तथ्य है कि 370 के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है, अधिक विकास हुआ है और अधिक अखंडता हुई है। तो मैं कहूंगा कि 370 के बाद लोगों को वो अधिकार मिले हैं, जो पहले नहीं थे लेकिन पीओके से राज्य का विषय  होने के नाते हम बहुत खुश हैं कि यह 370 चला गया है।

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