Canada: कनाडा में चरमपंथी ताकतों को बढ़ावा, भारतीय राजनयिकों की निगरानी अस्वीकार्य, विदेश मंत्री जयशंकर ने सुनाई खरी-खरी

Edited By Mahima,Updated: 05 Nov, 2024 12:04 PM

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वहां चरमपंथी ताकतों को बढ़ावा मिल रहा है और भारतीय राजनयिकों पर निगरानी रखना अस्वीकार्य है। उन्होंने कनाडा द्वारा बिना सबूत आरोप लगाने और भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने की...

नेशनल डेस्क: भारत और कनाडा के रिश्तों में हाल के दिनों में जो तनाव बढ़ा है, वह दिन-ब-दिन गहरा होता जा रहा है। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कनाडा को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि कनाडा में चरमपंथी ताकतों को राजनीतिक जगह मिल रही है और भारतीय राजनयिकों पर निगरानी रखना अस्वीकार्य है। उनके इस बयान ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में नया विवाद उत्पन्न किया है, जो पहले से ही कई मुद्दों पर तनावपूर्ण चल रहे हैं।

कनाडा पर निशाना, बिना ठोस जानकारी के आरोप
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा ने एक पैटर्न बना लिया है, जिसमें बिना किसी ठोस जानकारी या प्रमाण के भारत पर लगातार आरोप लगाए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा के इस रवैये से भारत में भारी असंतोष है, और यह कूटनीतिक दृष्टिकोण को गंभीरता से चुनौती देता है। विदेश मंत्री ने कनाडा पर आरोप लगाया कि वह भारत के खिलाफ कोई साक्ष्य के बिना बयानबाजी कर रहा है और इस तरह के आरोपों से संबंधों में और तनाव बढ़ रहा है।

भारतीय राजनयिकों पर निगरानी रखना अस्वीकार्य
जयशंकर ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत के राजनयिकों पर निगरानी रखना कनाडा का यह कदम भारत के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उनका यह बयान उस समय आया जब कनाडा में भारतीय राजनयिकों की गतिविधियों पर निगरानी रखने का आरोप लगा था। भारत ने हमेशा अपनी विदेश नीति को स्पष्ट और निष्पक्ष तरीके से लागू किया है, लेकिन जब उस नीति को किसी तीसरे देश द्वारा चुनौती दी जाती है, तो भारत कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य हो जाता है। उन्होंने कहा, "भारत अपने राष्ट्रीय हितों, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए कभी भी किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। जब हमारे राजनयिकों को निशाना बनाया जाता है, तो हम बिना किसी झिझक के उचित प्रतिक्रिया देंगे।"

कनाडा में चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा
जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों के बढ़ते प्रभाव की भी आलोचना की। उनका कहना था कि कनाडा में ऐसे चरमपंथी समूहों को राजनीतिक स्पेस मिल रहा है, जो भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय हैं। उन्होंने इसे एक गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि ऐसे तत्वों को प्रोत्साहित करना भारत के लिए बिल्कुल अस्वीकार्य है। इस प्रकार के आरोप और घटनाएं दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक तनावपूर्ण बना रही हैं।

भारत ने कनाडा को दिया जवाब
यह पहली बार नहीं है जब विदेश मंत्री ने कनाडा के खिलाफ प्रतिक्रिया दी है। पिछले महीने, 27 अक्टूबर को, डॉ. जयशंकर ने कहा था कि भारत ने कनाडा में संगठित अपराध और खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर कई बार चिंता व्यक्त की थी, लेकिन कनाडा की सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कनाडा की सरकार भारत की चिंताओं को नजरअंदाज कर रही थी, और भारत ने अब इस पर कड़ा कदम उठाया है। 

निज्जर हत्याकांड
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद का मुख्य कारण 13 अक्टूबर 2024 को कनाडा द्वारा उठाए गए आरोप थे। कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में शामिल किया था। निज्जर, जो एक कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थक थे, उनकी हत्या कनाडा में हुई थी। हालांकि, इस मामले में आगे की कार्रवाई से पहले ही भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए संजय वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को वापस बुला लिया। इसके अलावा, भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया। इस घटना के बाद ओटावा ने भारत के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों का संकेत दिया था, जिसे भारत ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि अगर कनाडा भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाता है, तो भारत भी उसी तरह की कार्रवाई करेगा। भारत का मानना है कि ऐसे आरोप केवल कूटनीतिक रिश्तों को नुकसान पहुंचाते हैं और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करते हैं।

भारत के कड़े कदम
कनाडा में बढ़ती खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और भारत विरोधी नफरत को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की अखंडता और संप्रभुता के मामलों में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को भारत स्वीकार नहीं करेगा और समय आने पर कड़े कदम उठाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में यदि किसी भी प्रकार की कूटनीतिक गतिविधियों को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है, तो भारत को अपनी सुरक्षा के लिए जवाबी कदम उठाने का पूरा अधिकार है।

पन्नू की धमकी और एयर इंडिया का मुद्दा
इसके अलावा, खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एयर इंडिया के खिलाफ एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने यात्रियों को चेतावनी दी थी कि वे एयर इंडिया की उड़ानों में यात्रा न करें। पन्नू का आरोप था कि एयर इंडिया खालिस्तान समर्थक तत्वों को निशाना बना रहा है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "भारत सरकार को एयर इंडिया या उसके यात्रियों के खिलाफ किसी प्रकार के विशेष खतरे का कोई संज्ञान नहीं है। यदि एयर इंडिया के खिलाफ कोई खतरा होता है, तो भारत सरकार समय रहते कदम उठाएगी।"

भारत और कनाडा के रिश्तों की दिशा
कनाडा-भारत के रिश्तों में यह तनाव तब और बढ़ गया जब कनाडा में भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाना और खालिस्तान समर्थक तत्वों को प्रोत्साहन दिया गया। इन घटनाओं के बाद भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपनी राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की कूटनीतिक तिकड़म को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने कनाडा से यह भी अपेक्षाएं जताई कि वह भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले और कूटनीतिक व्यवहार में सुधार करे। साथ ही, कनाडा को यह याद दिलाया गया कि भारत के साथ रिश्तों में बढ़ती अशांति से दोनों देशों को नुकसान हो सकता है, खासकर जब विश्व राजनीति में दोनों देशों की भूमिका को देखा जाए।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्तों में उथल-पुथल और विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर कनाडा भारतीय राजनयिकों पर आरोप लगा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत ने अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए सख्त कदम उठाने का स्पष्ट संकेत दिया है। अब यह देखना होगा कि दोनों देशों के रिश्तों में इस तनाव का क्या असर पड़ेगा और क्या दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में कोई सुधार होगा या स्थिति और बिगड़ेगी।
 

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