ट्राइसिटी में ठप्प हुआ प्रॉपर्टी कारोबार, चंडीगढ़ में नोटबंदी के बाद नहीं हुई कोई रजिस्ट्री

Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 07:45 AM

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आठ नवम्बर की रात को पांच सौ व एक हजार के नोट बंद होने के बाद ट्राईसिटी में प्रॉपर्टी का कारोबार ठप्प सा हो गया है। चंडीगढ़ में 8 नवम्बर के बाद किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई है। पंचकूला में भी प्रॉपर्टी कारोबार का ग्राफ तेजी से गिरा है।

चंडीगढ़ : आठ नवम्बर की रात को पांच सौ व एक हजार के नोट बंद होने के बाद ट्राईसिटी में प्रॉपर्टी का कारोबार ठप्प सा हो गया है। चंडीगढ़ में 8 नवम्बर के बाद किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई है। पंचकूला में भी प्रॉपर्टी कारोबार का ग्राफ तेजी से गिरा है। 

 

मोहाली में हालांकि तहसील कर्मचारियों की हड़ताल से रजिस्ट्रियां बंद हैं लेकिन प्रॉपर्टी कारोबारियों से तमाम सौदे नोटबंदी से फंस गए हैं। प्रॉपर्टी कारोबार पर नोटबंदी का असर इसलिए हुआ है कि आम तौर पर प्रॉपर्टी विक्रेता खरीददार से प्रॉपर्टी की पूरी कीमत व्हाइट मनी के रूप में नहीं लेता। रजिस्ट्री के लिए कुछ हिस्सा व्हाइट मनी के रूप में दिखाया जाता है और बाकी रकम कैश ली जाती है। पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बंद हो जाने के साथ बैंक और ए.टी.एम. से कैश निकालने की रकम भी सीमित कर दी गई है। ऐेसे में अब उन लोगों के पास प्रॉपर्टी विक्रेता को देने के लिए उतना कैश नहीं है, जितने का सौदा हुआ है। 

 

प्रॉपर्टी विक्रेता पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट लेने को तैयार नहीं हैं। लिहाजा, चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का काम ठप्प हो गया है। चंडीगढ़ में आम तौर पर एक सप्ताह में 10 से 12 रजिस्ट्रियां हो जाती हैं लेकिन गत 8 नवम्बर के बाद एक भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई है।

 

मोहाली में फंसे सौदे :
मोहाली जिले की तहसीलों में 20 अक्तूबर से कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कलम छोड़ हड़ताल पर बैठे हैं। इस कारण तहसीलों में कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियों का काम भी बंद पड़ा है। मोहाली प्रॉपर्टी कंसल्टैंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र आनंद का कहना है कि तहसील कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद रजिस्ट्रियों पर नोटबंदी का असर सामने आएगा। फिलहाल तो 8 नवम्बर से पहले हुए प्रॉपर्टियों के तमाम सौदे फंस गए हैं। इसके कारण प्रॉपर्टी डीलर परेशान हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों के साथ प्रॉपर्टी डीलरों या विक्रेताओं के प्रॉपर्टी के सौदे हुए थे, बयाना हो गया था और अब रजिस्ट्री बाकी है, उन लोगों का कहना है कि वह कैश पेमैंट पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों से ही करेंगे, क्योंकि सौदा यह नोट बंद होने से पहले हुआ था और नई करैंसी उनके पास इतनी है नहीं, जबकि प्रॉपर्टी डीलर और प्रॉपर्टी विक्रेता कह रहे हैं कि वह पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट नहीं लेंगे, नई करैंसी ही लेंगे। ऐसे में हो चुके सौदों को लेकर रोजाना झगड़े हो रहे हैं। 

 

पंचकूला में मात्र 17 रजिस्ट्री :
नोटबंदी का असर पंचकूला के प्रॉपर्टी कारोबार पर भी देखा जा रहा है। तहसीलदार राजेश पूनिया ने बताया कि पंचकूला में आम तौर पर एक सप्ताह में 45 से 50 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियां हो जाती हैं लेकिन गत 8 नवम्बर के बाद पंचकूला में सिर्फ 17 प्रॉपर्टियों की रजिस्ट्री हुई है। उन्होंने इसके पीछे नोटबंदी को ही जिम्मेदार माना है। ऐसे में प्रॉपर्टी कारोबार में और गिरावट के आसार हैं।

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