Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 07:39 PM
बुजुर्ग उद्योगपति विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम सिंघानिया के वकीलों ने बंबई उच्च न्यायालय....
मुंबई: बुजुर्ग उद्योगपति विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम सिंघानिया के वकीलों ने बंबई उच्च न्यायालय को आज बताया कि दोनों संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए इस सप्ताह बैठक के लिए तैयार हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले महीने पिता-पुत्र दोनों को सुझाव दिया था कि वे अपने वकीलों के साथ बैठक करें और सौहार्दपूर्ण हल निकालने की कोशिश करें क्योंकि यह मामला व्यक्तिगत है। विजयपत सिंघानिया ने रेमंड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गौतम के खिलाफ आरोप लगाया था कि वह एक संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद में निपटारे के फैसले का पालन करने से मना कर रहे हैं।
इसी बात को लेकर सिंघानिया ने गौतम के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था। सिंघानिया के वकील दिन्यार मैडोन और रेमंड के वकील जनक द्वारकादास ने न्यायमूॢत जीएस कुलकर्णी की पीठ को सूचित किया कि दोनों पक्ष विवाद सुलझाने के लिए इस सप्ताह बैठक करने को तैयार हैं। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को तय कर दिया। न्यायलय ने कहा कि तब तक के लिए जेके हाउस के 2 तलों के रेमंड द्वारा बेचे जाने या लीज पर दिये जाने पर रोक का अंतरिम आदेश लागू रहेगा क्योंकि यह संपत्ति विवादित है।
12 हजार करोड़ रुपए के रेमंड ग्रुप के मालिक विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे ने उन्हें पैसे-पैसे का मोहताज बना दिया है। रेमंड लिमिटेड को अपने बेटे को सौंपने के बाद विजयपत सिंघानिया मुंबई के ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराये पर रहते हैं। विजयपत ने कंपनी के सारे शेयर्स अपने बेटे को दे दिए जिनकी कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी लेकिन उनका कहना है कि बेटे गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया।