Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Feb, 2019 03:47 PM
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को कथित तौर पर दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने उनसे कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले में उनसे संपर्क करें।
नई दिल्लीः केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पुलवामा हमले में 40 जवानों को खोने के बावजूद कश्मीर के बाहर भी कश्मीरियों की मदद के लिए तैयार है। सीआरपीएफ ने राज्य से बाहर देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे कश्मीरी छात्रों, कारोबारियों और अन्य कश्मीरियों की मदद के लिए ‘सीआरपीएफ मददगार’ नाम से चौबीस घंटे की हेल्पलाइन शुरू की है। गुरुवार को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद होने के बाद देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बाद सीआरपीएफ ने यह हेल्पलाइन जारी की है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी घाटी के प्रत्येक जिले में देश के विभिन्न भागों में रह रहे लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए हेल्पलाइन स्थापित की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सभी राज्य सरकारों को आदेश जारी कर कहा है कि राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में कश्मीरी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सीआरपीएफ की चौबीस घंटे की हेल्पलाइन ‘सीआरपीएफ मददगार’ मुसीबत में फंसे लोगों के लिए है। सीआरपीएफ की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘‘कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी छात्र और आम नागरिक किसी भी मुसीबत या उत्पीड़न की स्थिति में ‘सीआरपीएफ मददगार’ के चौबीस घंटे की हेल्पलाइन के टॉल फ्री नंबर 14411 पर कॉल करके या 7082814411 पर एसएमएस (संदेश) भेजकर जल्द मदद प्राप्त कर सकते हैं।’’
सीआरपीएफ के इस ट्वीट को जम्मू कश्मीर पुलिस और कई अन्य लोगों ने रीट्वीट किया है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि शनिवार को कुछ कश्मीरी लोग रेलगाड़ी से कश्मीर लौटे हैं। सिंह ने कहा कि मैंने कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के मुद्दे पर उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक से बात की है। बारामूला कीे पुलिस महानिरीक्षक भी संपर्क में है। जम्मू और श्रीनगर के लिए भी पीसीआर नंबर स्थापित किए गए हैं।