पंजाब सरकार स्थापित करेगी सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर

Edited By Updated: 17 Jan, 2025 03:28 PM

punjab government will set up security operation center

पंजाब सरकार स्थापित करेगी सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर


चंडीगढ़, 17 जनवरी (अर्चना सेठी) राज्य में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों को शामिल करने के उद्देश्य से, पंजाब सरकार ने विभिन्न सरकारी एप्लिकेशन और वेबसाइटों सहित आई.टी. ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (एस.ओ.सी.) स्थापित करने का निर्णय लिया है।

यह महत्वपूर्ण निर्णय आज चंडीगढ़ स्थित मैगसीपा में प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत मंत्री श्री अमन अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई पंजाब राज्य ई-गवर्नेंस सोसायटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 19वीं बैठक में लिया गया।

 अमन अरोड़ा ने बताया कि 42.07 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले इस एस.ओ.सी. के क्रियाशील होने से पंजाब उत्तरी भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा, जो उच्च स्तर की साइबर सुरक्षा क्षमताओं से लैस होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में बढ़ते और व्यापक होते साइबर खतरों को ध्यान में रखते हुए, राज्य में सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना समय की जरूरत बन गई है। यह केंद्र आई.टी. ढांचे की सुरक्षा के लिए साइबर घटनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग, पहचान और उचित कार्रवाई करने में सक्षम बनाएगा।

बैठक के बाद, मंत्री ने सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। इसमें उन्होंने नागरिक सेवाओं को और अधिक कुशलतापूर्वक प्रदान करने के उद्देश्य से प्रमुख प्रशासनिक सुधारों और रणनीतियों का जायजा लिया और चर्चा की। उन्होंने बताया कि पंजाब में 538 सेवा केंद्र हैं, जहां नागरिकों को 438 सेवाएं सुचारू और निर्बाध रूप से प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य ने नागरिक सेवाओं की लंबित शिकायतों को 27 प्रतिशत से घटाकर 0.17 प्रतिशत से भी कम कर दिया है।

उन्होंने नागरिक सेवाओं के मामलों में कम लंबित केस वाले जिलों अमृतसर, जालंधर और पठानकोट के डिप्टी कमिश्नरों की सराहना की और अन्य डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे जिला स्तर पर लंबित मामलों की नियमित निगरानी और समीक्षा सुनिश्चित करें, ताकि इसमें आने वाली दिक्कतों और रुकावटों को पहचानकर उन्हें दूर किया जा सके।

 अमन अरोड़ा ने लंबित आवेदनों पर स्पष्ट टिप्पणियां/स्पष्टीकरण देने की महत्ता पर जोर देते हुए डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे बिना ठोस कारण के और अनावश्यक आपत्ति लगाकर आवेदन वापस भेजने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान करें और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें इस संबंधी कठोर निर्देश जारी करें।

सरपंचों, नंबरदारों और नगर पार्षदों (एम.सी.) द्वारा आवेदनों की ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए, श्री अरोड़ा ने निर्देश दिया कि सभी सरपंचों/नंबरदारों और नगर पार्षदों को ई-सेवा पोर्टल पर इस महीने के अंत तक शामिल किया जाए, ताकि नागरिकों को दस्तावेजों की सत्यापन के लिए बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि 1 फरवरी 2025 से दस्तावेजों की ऑफलाइन सत्यापन प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी और केवल ऑनलाइन सत्यापन ही स्वीकार्य होगा।

प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विकास प्रताप ने मंत्री को आश्वासन दिया कि विभाग नागरिक सेवाओं की पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित करते हुए, जनता को निर्बाध और सुचारू सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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