राजनाथ ने ब्रिटिश समकक्ष के साथ की 'सार्थक चर्चा', रक्षा सहयोग और प्रौद्योगिकी को लेकर हुई बड़ी डील

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jan, 2024 02:29 PM

rajnath holds  fruitful discussions  with uk counterpart

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ग्रांट शाप्स से मुलाकात की तथा रक्षा सहयोग, सुरक्षा एवं रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने से...

लंदन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ग्रांट शाप्स से मुलाकात की तथा रक्षा सहयोग, सुरक्षा एवं रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर "सार्थक चर्चा" की। सिंह 22 साल में ब्रिटेन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं। इससे पहले भारत की ओर से रक्षा मंत्री की ब्रिटेन यात्रा जनवरी 2002 में हुई थी। भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार बैठक में विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान हुआ और शाप्स ने इस बात पर बल दिया कि ब्रिटेन और भारत के संबंध लेन-देन पर आधारित नहीं है, बल्कि दोनों देश विभिन्न समानताओं और साझा लक्ष्यों के साथ स्वाभाविक भागीदार हैं। द्विपक्षीय बैठक के बाद दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें से एक समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय कैडेट आदान-प्रदान कार्यक्रम के संचालन से संबंधित है।

 

इसके साथ ही अनुसंधान एवं विकास में रक्षा सहयोग के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और ब्रिटेन की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (DSTL) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। मंत्रालय ने कहा कि ये दस्तावेज लोगों खासकर युवाओं के बीच आदान-प्रदान और दोनों देशों के रक्षा अनुसंधान सहयोग को गति प्रदान करेंगे। शाप्स ने ‘हॉर्स गार्ड्स' परेड में औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर' का निरीक्षण करने के लिए व्हाइटहॉल पहुंचे सिंह का स्वागत किया। व्हाइटहॉल ब्रिटिश सरकार का मुख्यालय है। इससे पहले सिंह को हिंदी में विशेष परेड का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया गया। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय रक्षा मंत्री सिंह को हिंदी में ‘गार्ड ऑफ ऑनर' का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया गया। मंत्रालय ने कहा, "भारत ब्रिटेन के लिए एक समान भागीदार है और यह मित्रता काफी मूल्यवान है, जैसा कि आज का गार्ड ऑफ ऑनर प्रदर्शित करता देता है।"

 

बयान में कहा गया है, “भारत और ब्रिटेन ऐसी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। वह साझा दृष्टिकोण हमारे लोगों के बीच गतिशील संबंधों के लिए है...।'' मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश रक्षा सलाहकार समूह के तहत एक साथ काम कर रहे हैं। बयान में कहा गया है, "इस तरह की यात्राओं से हमारी साझा सैन्य क्षमताओं, उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिलती हैं, जो मजबूत ब्रिटिश-भारत रणनीतिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण हैं।" इससे पहले, सिंह ने अपने दौरे की शुरुआत मध्य लंदन के टैविस्टॉक चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ सिंह ने 20वीं सदी के स्मारक पर राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की।

 

सिंह बाद में भारतीय संविधान के निर्माता बी.आर. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तरी लंदन में आंबेडकर संग्रहालय गए। उन्होंने लंदन में नेसडेन मंदिर के नाम से जाने जाने वाले बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। सिंह, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), सेवा मुख्यालय, रक्षा विभाग और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार रात लंदन पहुंचे। इस दौरान उनके ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात करने और विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ बैठक करने की भी उम्मीद है।   

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