New ₹100 Coin: पीएम मोदी ने जारी किया नया ₹100 का सिक्का, इतिहास में पहली बार भारतीय सिक्के पर ‘भारत माता’

Edited By Updated: 02 Oct, 2025 02:29 PM

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भारत के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रतीक भारत माता को अब पहली बार भारतीय मुद्रा पर स्थान मिला है। ये ऐतिहासिक पल उस समय सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर एक...

नई दिल्ली: भारत के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रतीक भारत माता को अब पहली बार भारतीय मुद्रा पर स्थान मिला है। ये ऐतिहासिक पल उस समय सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर एक विशेष ₹100 का सिक्का और स्मारक डाक टिकट जारी किया। पीएम मोदी ने इस मौके को 'भारत माता को समर्पित ऐतिहासिक क्षण' बताते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारत माता को आधिकारिक मुद्रा पर स्थान मिला है, जो राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

 ₹100 का सिक्का - सेवा, शक्ति और समर्पण की प्रतिमा
इस विशेष स्मृति सिक्के का एक पक्ष भारत का राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) को दर्शाता है, जबकि दूसरी ओर दिखती हैं:
भारत माता, जो वरद मुद्रा में हैं — यानी आशीर्वाद और दान की मुद्रा।
उनके साथ सिंह (शेर) का चित्र, जो राष्ट्र की शक्ति का प्रतीक है।
सामने झुके हुए RSS स्वयंसेवक, जो राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं।

सिक्के पर संघ का ध्येय वाक्य भी अंकित है:
“राष्ट्रीय स्वाहा, इदं राष्ट्राय, इदं न मम”
(अर्थात — सब कुछ राष्ट्र को समर्पित है, यह राष्ट्र का है, मेरा नहीं है।)

 विशेष डाक टिकट — 1963 की ऐतिहासिक झलक
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया, जिसमें 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में RSS स्वयंसेवकों की भागीदारी को दर्शाया गया है। यह टिकट संगठन के ऐतिहासिक योगदान और राष्ट्र निर्माण में उसकी भूमिका को रेखांकित करता है।

समारोह में शामिल हुए देश के प्रमुख चेहरे
यह शताब्दी समारोह संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं:
RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

100 साल की यात्रा - सेवा से सिद्धि तक
RSS की स्थापना 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य था — नागरिकों में अनुशासन, सामाजिक जिम्मेदारी, और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देना। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में संघ से अपने जुड़ाव का भी ज़िक्र किया, जब वे RSS के प्रचारक के रूप में सक्रिय रहे और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। भाजपा स्वयं RSS की विचारधारा से प्रेरित है।

 सेवा और समाज के प्रति योगदान
शताब्दी वर्ष सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि संघ की सेवा भावना और सामाजिक कार्यों को भी दर्शाता है। बीते वर्षों में RSS ने कई महत्वपूर्ण मौकों पर जनसेवा की मिसाल पेश की है:
-रक्तदान शिविर
-भोजन वितरण अभियान
-प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य - जैसे केदारनाथ बाढ़, बिहार बाढ़, और कोविड-19 महामारी में सक्रिय भूमिका

भारत माता का चित्र - सांस्कृतिक चेतना का नया प्रतीक
भारत माता को भारतीय मुद्रा पर स्थान देकर, सरकार ने एक ऐसा सांस्कृतिक और राजनीतिक संदेश दिया है जो भारत की आत्मा और पहचान से जुड़ा है।जहां एक ओर समर्थकों के लिए यह राष्ट्र गौरव और संस्कृति की जीत है, वहीं यह कदम नए विमर्श को भी जन्म दे सकता है - खासकर जब सरकारी प्रतीकों में परंपरागत चित्रों को शामिल किया जाता है।

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