एस पी बालासुब्रमण्यम: अपनी गायकी से दिलों को जीतने वाले सुरों के जादूगर

Edited By Anil dev,Updated: 25 Sep, 2020 04:29 PM

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पाश्र्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपनी सुरीली आवाज से कई पीढिय़ों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत विभिन्न भाषाओं में गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते । कोविड-19 से 74 साल की उम्र में बालासुब्रमण्यम का यहां एक अस्पताल में...

चेन्नई: पाश्र्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपनी सुरीली आवाज से कई पीढिय़ों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत विभिन्न भाषाओं में गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते । कोविड-19 से 74 साल की उम्र में बालासुब्रमण्यम का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने तमिल और अपनी मातृभाषा तेलुगू, हिंदी समेत 16 भाषाओं में गाने गए । कई राष्ट्रीय और राज्यों के पुरस्कार के साथ ही पद्म श्री और पद्म भूषण से भी उन्हें नवाजा गया। उन्होंने पांच दशक के अपने करियर में कई पीढ़ी के संगीतकारों के साथ काम किया और 40,000 से ज्यादा गाने गाए। बाद के दिनों में वह कई रियल्टी शो से भी जुड़े। एस पी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम श्रीपति पंडिताराध्याउला बालासुब्रमण्यम था। मोहम्मद रफी के गानों से प्रभावित बालासुब्रमण्यम ने हजारों सदाबहार गाने गाए। सभी तरह के गानों को उन्होंने अपनी आवाज दी, चाहे खुशी के नगमें हो या दर्द भरे गीत। 

उन्होंने 1966 में पहला गीत गाया था। वर्ष 1969 में एमजीआर अभिनीत अदिमाईपेन में उनका गाया अयराम निलावे वा बहुत लोकप्रिय रहा और उसके बाद वह बुलंदियों को छूते गए। शास्त्रीय गायन में औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने जिन ऊंचाइयों को छुआ , वहां तक कई प्रशिक्षित गायक भी नहीं पहुंच पाते हैं। उनका जन्म आंध्रप्रदेश के नेल्लौर में चार जून 1946 को हुआ था। प्रख्यात संगीतकार इलैयाराजा समेत उनके कई दोस्त उन्हें प्यार से बालू कहकर बुलाते थे। पिछले वर्षों में बालासुब्रमण्यम ने कहा था, मैं सिनेमा जगत में नहीं आना चाहता था। साठ के दशक में मैं एक इंजीनियर बनना चाहता था। चाहता था कि 250 रुपये वेतन मिले और मेरे पास एक जीप हो। 

उन्होंने एम एस विश्वनाथन, इलैया राजा, ए आर रहमान समेत कई संगीतकारों के साथ काम किया और पी सुशीला, एस जानकी, वाणी जयराम और चित्रा समेत अन्य गायिकाओं के साथ युगल गाने भी गाए। बालासुब्रमण्यम को गानों के लिए छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए जिनके श्रोता आज भी कायल हैं। इसके अलावा उन्होंने भक्ति गाने भी गए। संगीतकार इलैयाराजा के साथ उनकी बहुत प्रगाढ दोस्ती थी। गायक के जे येसुदास के प्रति भी वह बहुत स्नेह रखते थे और उन्हें गुरु कहकर पुकारते थे। बालासुब्रमण्यम की बहन एस पी शैलजा भी गायिका हैं। बालासुब्रमण्यम के पुत्र चरण भी सिनेमा-संगीत क्षेत्र में सक्रिय हैं।

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