बिना खिड़की के डिब्बेनुमा कमरों में देखे जाते हैं IAS बनने के सपने, कुछ ऐसी है UPSC उम्मीदवारों के संघर्ष की कहानी

Edited By Updated: 01 Aug, 2024 05:53 PM

such is the story of struggle of upsc candidates

छोटे-छोटे, खिड़की रहित कमरों में पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने वाले, सिविल सेवा अभ्यर्थियों की आंखों में पलता यह सपना उन्हें राहत देता है कि एक दिन उनका भी आएगा

नई दिल्लीः छोटे-छोटे, खिड़की रहित कमरों में पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने वाले, सिविल सेवा अभ्यर्थियों की आंखों में पलता यह सपना उन्हें राहत देता है कि एक दिन उनका भी आएगा जब वे अफसर बन जाएंगे और अपनी पसंदीदा जिंदगी जिएंगे। ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भरने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत की घटना ने उन खराब परिस्थितियों को उजागर किया है जिसमें कई सिविल सेवा उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए विषम हालात में रहते हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर हो या मुखर्जी नगर, दिल्ली के विभिन्न कोचिंग केंद्र की कहानी एक जैसी ही है। पिछले डेढ़ साल से राजेंद्र नगर में

ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरे में रह रहे उत्तर प्रदेश के एक सिविल सेवा अभ्यर्थी ने कहा, ‘‘राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में लगभग हर मकान के मालिक ने अपने घर को पेइंग गेस्ट आवास में बदल दिया है।'' मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में कक्षाएं लेने वाले 28 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी ने कहा कि छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है और जगह कम है इसलिए गरीब परिवारों के लोगों के पास रहने के लिए बहुत कम विकल्प हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे पैसे कमाने के लिए पीजी के मालिक एक बड़े कमरे को पर्दे से अलग अलग हिस्से में बांट देते हैं। ऐसे कमरों में करीब पांच से छह छात्र रहते हैं।'' आम तौर पर इन हालात में छात्र सोचते हैं ‘‘अभी झेल लो, एक बार नौकरी लग गई, तो आगे पीछे नौकर-चाकर होंगे।''

शहर के दो कोचिंग केंद्रों में रहने वाले कई सिविल सेवा अभ्यर्थियों का कहना है कि वे बिना खिड़की वाले बेसमेंट में रहते हैं, जो हर बार भारी बारिश होने पर पानी से भर जाते हैं। उनका कहना है कि ऐसे कमरों की कीमत ग्राउंड फ्लोर या ऊपरी मंजिलों के कमरों की तुलना में आधी है। एक अन्य सिविल सेवा अभ्यर्थी ने कहा ‘‘अगर कोई ग्राउंड या ऊपरी मंजिलों पर रहना चाहता है, तो उसे कम से कम 25,000 से 30,000 रुपये प्रति माह खर्च करने होंगे। जो लोग बेसमेंट में रह रहे हैं, उन्हें लगभग 15,000 से 20,000 रुपये प्रति माह देने पड़ रहे हैं। खतरा तो है लेकिन पैसे बच जाते हैं।''

ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बारिश के कारण पानी भर जाने से सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की मौत की घटना बाद छात्रों ने कहा कि वे ऐसे बेसमेंट में रहकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसके बावजूद वे संघर्ष का महिमामंडन करते हैं। एक छात्र ने कहा, ‘‘यह सिविल सेवाओं का आकर्षण है कि ऐसी समस्याओं को नजर अंदाज कर दिया जाता है।'' न केवल पीजी में भीड़ है बल्कि कक्षाओं का भी यही हाल है। उचित सुविधाएं नहीं होने के बावजूद छात्रों की संख्या बढ़ती ही जाती है। कक्षा में 100 छात्र होने पर भी मालिक 120 से 125 से अधिक छात्रों को समायोजित करने का प्रयास करते हैं। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने कहा, ‘‘जो लोग बैठने या कक्षा में आने में असमर्थ हैं, उन्हें रिकॉर्ड की गई वीडियो सामग्री दी जाती है जिसका वे बेसमेंट की लाइब्रेरी में बैठ कर अध्ययन करते हैं।''

बेसमेंट को पीजी के रूप में किराए पर देना गैरकानूनी है, क्योंकि दिल्ली के मास्टर प्लान (एमपीडी) 2021 में ऐसी जगहों का केवल भंडारण, पार्किंग और उपयोगिता क्षेत्रों के तौर पर उपयोग करने की अनुमति है। असम के एक अन्य आईएएस अभ्यर्थी ने कहा, ‘‘अचानक सरकार सख्त हो गई है, लेकिन यह सिर्फ़ कुछ समय की बात है क्योंकि एक घटना घटी है। हकीकत में कुछ भी लागू नहीं किया जाएगा। समस्या ऐसी ही रहेगी। यह स्थिति सिर्फ़ राजेंद्र नगर के कोचिंग संस्थान तक सीमित नहीं है। सभी की समस्या एक जैसी है।''

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!