Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 12:29 PM
देश के 69वें गणतंत्र दिवस पर जहां एक तरफ नारी शक्ति देखने को मिली वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित महिला कान्सटेबल को छेड़छाड़ का सामना करना पड़ा। गरीबों की मसीहा के नाम से मशहूर दुर्ग की आरक्षक स्मिता तांडी के साथ ट्रेन में एक...
नेशनल डेस्क: देश के 69वें गणतंत्र दिवस पर जहां एक तरफ नारी शक्ति देखने को मिली वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित महिला कान्सटेबल को छेड़छाड़ का सामना करना पड़ा। गरीबों की मसीहा के नाम से मशहूर दुर्ग की आरक्षक स्मिता तांडी के साथ ट्रेन में एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने बदतमीजी और छेड़छाड़ की। स्मिता ने ट्वीट के जरिए आरपीएफ से मदद मांगी जिसके बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया।
जानकारी के अनुसार छेड़छाड़ करने वाला एक अस्टिटेंट प्रोफेसर है वह उसी गाड़ी में सवार था जिसमें स्मिता थी। जैसे ही ट्रेन चलना शुरु हुई आरोपी ने उनके साथ छेड़छाड़ शुरु कर दी। शुरुआत में तो स्मिता ने उसको इ्गनोर किया लेकिन जब आरोपी की हरकते ज्यादा बढ़ गई तो उसने ट्वीट कर मदद मांगी। अपने ट्वीट के जरिए उसने छेड़छाड़ की घटना का पूरा ब्यौरा दिया और साथ ही ये भी बताया कि इस वक्त ट्रेन कहां है और कहां पहुंचने वाली है। स्मिता के ट्वीट को आरपीएफ ने बेहद ही गंभीरता से लिया। जैसे ही ट्रेन भाटापारा पहुंची आरपीएफ की टीम ने अरोपी को हिरासत में ले लिया। हालांकि उसके गिड़गिड़ाने के बाद स्मिता ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई।
बता दें कि सोशल मीडिया के जरिए गरीब मरीजों का इलाज कारवाने वाली पुलिस आरक्षक स्मिता तांडी को दो साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित किया था। वह छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत हैं। वे जीवनदीप समूह बनाकर जरूरतमंदों को इलाज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्मिता के 7 लाख से ज्यादा फेसबुक पर फॉलोवर्स हैं। वे फेसबुक के जरिए ही लोगों की मदद करती हैं।