मार्केट में नहीं हैं 10, 20 और 50 रुपये के नोट, कांग्रेस सांसद ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र

Edited By Updated: 21 Sep, 2024 07:00 PM

there are no 10 20 and 50 rupee notes in the market

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर 10, 20 और 50 रुपये के नोटों की कमी का मुद्दा उठाया...

नेशनल डेस्क : कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर 10, 20 और 50 रुपये के नोटों की कमी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने बताया कि इन नोटों की बाजार में भारी कमी हो गई है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में गरीब लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

टैगोर ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि रिपोर्टों के अनुसार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिजिटल लेनदेन और UPI को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन नोटों की छपाई बंद कर दी है। इस निर्णय का सीधा असर उन ग्रामीण इलाकों पर पड़ा है, जहां कई लोग डिजिटल भुगतान के लिए सुविधाओं से वंचित हैं।

सांसद ने चेतावनी दी कि इन नोटों की कमी के कारण दैनिक लेनदेन में बाधा आ रही है, जिससे गरीब तबके के लोगों की जीवनशैली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने वित्त मंत्री से अपील की है कि इस समस्या का जल्द समाधान निकाला जाए ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को आवश्यक नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

छोटे व्यापारियों को हरी दिक्कत

10, 20 और 50 रुपये के नोटों की कमी से छोटे व्यापारी, स्ट्रीट वेंडर और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मणिकम टैगोर ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि वे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इन नोटों की छपाई शुरू करने के निर्देश दें, ताकि यह करेंसी मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो सके।

मणिकम टैगोर तमिलनाडु के विरुधुनगर सीट से कांग्रेस के सांसद हैं। खबरों के अनुसार, आरबीआई को नोट छापने में लागत अधिक आती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 रुपये के 1000 नोट छापने का खर्च 960 रुपये है, जबकि 20 रुपये के 1000 नोट छापने का खर्च 950 रुपये है। इस तरह, विभिन्न नोटों की छपाई में अलग-अलग खर्चे होते हैं, और आरबीआई इस लागत से बचना चाहता है। आरबीआई ने एक RTI के जवाब में नोटों की छपाई की लागत की जानकारी दी थी।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार और आरबीआई देश में चार स्थानों पर नोटों की छपाई करते हैं। आरबीआई के नियंत्रण वाले प्रेस मैसूर और पश्चिम बंगाल के साल्बोनी में स्थित हैं, जबकि केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले प्रेस नासिक और मध्य प्रदेश के देवास में हैं। नोट छापने के लिए विशेष प्रकार की इंक का उपयोग किया जाता है, जो स्विट्जरलैंड की एक कंपनी द्वारा निर्मित होती है। विभिन्न प्रकार की इंक का उपयोग विभिन्न कामों के लिए किया जाता है।

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