Edited By Pardeep,Updated: 14 Aug, 2018 10:16 PM
असम में एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर नया हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें हिरासत शिविरों में भेजा जा रहा है। बनर्जी ने...
कोलकाता: असम में एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर नया हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें हिरासत शिविरों में भेजा जा रहा है।
बनर्जी ने कहा कि जो लोग सालों से देश में रह रहे हैं उन्हें ‘घुसपैठिया’ बताया जा रहा है। उन्होंने भाजपा पर लोकसभा चुनाव में फायदे के लिए एनआरसी मुद्दे का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने सचिवालय में पत्रकारों से कहा, ‘‘ बच्चों एवं महिलाओं समेत तकरीबन 1200 लोगों को हिरासत शिविरों में भेजा गया है।’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 30 जुलाई को जारी किए गए एनआरसी के अंतिम मसौदे में जिन 40.07 लाख लोगों के नाम नहीं है, उनमें 25 लाख बंगाली हिन्दू और 13 लाख बंगाली मुसलमान हैं।
उन्होंने कहा कि बाकी बिहारी, मारवाड़ी और नेपाली हैं। कुछ मतदाता पहचान पत्र दिखाते हुए उन्होंने दावा किया कि पहचान के ये सबूत 1962 से 1965 के बीच जन्में लोगों के हैं। उन्होंने पूछा क्या ये लोग वास्तविक नागरिक हैं या घुसपैठिए हैं? बनर्जी ने कहा कि वह काफी भाग्यवान हैं कि वह पश्चिम बंगाल में पैदा हुईं, नहीं तो उन्हें भी घुसपैठिया कहा जाता। पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी कराने के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हालिया बयान के बारे में पूछने पर बनर्जी ने कहा, ‘‘ वे (भाजपा) बंगाली विरोधी है।’’