Toolkit Case: दिशा रवि की जमानत पर मंगलवार को आएगा फैसला, कोर्ट में सुनवाई पूरी

Edited By Yaspal,Updated: 20 Feb, 2021 05:32 PM

toolkit case disha ravi s bail to be decided on tuesday

दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण एक्टविस्ट दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शनिवार को अदालत से कहा कि टूलकिट महज एक ‘टूलकिट’ नहीं था। असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने की थी। दिशा रवि ने व्हाट्सऐप पर हुई चैट डिलीट कर दी। वह...

नेशनल डेस्कः दिल्ली पुलिस ने पर्यावरण एक्टविस्ट दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शनिवार को अदालत से कहा कि टूलकिट महज एक ‘टूलकिट’ नहीं था। असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने की थी। दिशा रवि ने व्हाट्सऐप पर हुई चैट डिलीट कर दी। वह कानूनी कार्रवाई से अवगत थी। इससे जाहिर होता है कि टूलकिट के पीछे नापाक मंसूबा था। दिशा रवि की जमानत पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा।

पुलिस ने अदालत से दिशा रवि की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिशा रवि भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थीं। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दिशा रवि टूलकिट तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी।

दिशा रवि के वकील ने कोर्ट में कही ये बात
दिशा रवि के अधिवक्ता ने उनकी जमानत अर्जी पर अदालत से कहा कि दिशा रवि बिना किसी उद्देश्य के एक विद्रोही नहीं हैं, पर्यावरण और कृषि का उद्देश्य है, तथा दोनों के बीच एक संबंध है। दिशा रवि के वकील ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अदालत से कहा दिशा रवि का प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के साथ संबंध होने का कोई सबूत नहीं है। बचाव पक्ष ने जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही दिल्ली की अदालत से कहा यदि ‘मैं’ किसी से मिलती भी हूं, तो उसपर कोई निशान नहीं लगा है कि वह पृथकतावादी है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को वैश्विक रूप से रेखांकित करना राजद्रोह है, तो अच्छा है कि मैं जेल में रहूं। प्राथमिकी में आरोप है कि योग और चाय को निशाना बनाया जा रहा है। क्या यह अपराध है। लाल किला हिंसा मामले में गिरफ्तार किसी भी व्यक्ति ने यह नहीं कहा है कि वह टूलकिट से प्रेरित था।

'खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी'
दिल्ली पुलिस ने आज अदालत में कहा कि एक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को इंडिया गेट और लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी। किसी तरह यह टूलकिट सोशल मीडिया पर लीक हो गया और सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध था, उसी को हटाने की योजना बनाई गई और प्रदर्शन किया गया।

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