ट्रिपल तलाक बिल पर केंद्र को मिला 8 राज्यों का समर्थन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 02:28 PM

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मुस्लिमों में तीन तलाक प्रथा को खत्म करने और इसे एक दंडनीय अपराध बनाने से जुड़े केंद्र के ड्राफ्ट बिल का 8 राज्यों ने समर्थन किया है। लॉ मिनिस्ट्री ने पहले तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने, गैर-जमानती और दंडनीय अपराध बनाने के लिए प्रस्तावित बिल पर सभी...

नई दिल्ली: मुस्लिमों में तीन तलाक प्रथा को खत्म करने और इसे एक दंडनीय अपराध बनाने से जुड़े केंद्र के ड्राफ्ट बिल का 8 राज्यों ने समर्थन किया है। लॉ मिनिस्ट्री ने पहले तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने, गैर-जमानती और दंडनीय अपराध बनाने के लिए प्रस्तावित बिल पर सभी राज्यों से राय मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सदियों से चली आ रही इस इस्लामिक प्रथा को अगस्त में मनमाना और असंवैधानिक करार दिया था, लेकिन इसके बावजूद तीन तलाक देने की रिपोर्ट आ रही हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश, झारखंड और छह अन्य राज्यों ने ड्राफ्ट बिल पर सरकार का समर्थन किया है, जबकि अन्य राज्यों के जवाब का इंतजार किया जा रहा है।

सरकार ने की तीन तलाक पर सभी दलों से सहयोग की अपील
आपको बतां दे कि सरकार ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले विधेयक को पारित कराने में सभी दलों से सहयोग की अपील की है।  केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि सरकार मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाना चाहती है। यह राजनीति नहीं बल्कि मानवता और मानवाधिकार से जुड़ा विषय है । सभी दलों को तीन तलाक से जुड़े विधेयक को पारित कराने में सहयोग करना चाहिए।  सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री गिरिराज सिंह का कहना था कि शादी के बाद मौखिक रूप से तीन तलाक बोलकर पत्नी का परित्याग करना हत्या से भी गंभीर अपराध है । इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए।  तीन तलाक से जुडे विधेयक को संसद के चालू शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इसमें तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाते हुए तीन साल की कैद का प्रावधान किया गया है ।

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