ट्रंप-पुतिन की ‘सीक्रेट' मीटिंग से दहशत में यूरोप, कहीं फिर न हो जाए 2018 वाली गलती !

Edited By Updated: 13 Aug, 2025 04:18 PM

trump alone in a room with putin is a recipe for disaster

अब एक बार फिर दुनिया की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सीक्रेट मुलाकात पर टिकी हैं। 2018 की हेलसिंकी बैठक की यादें अब भी ताज़ा हैं...

International Desk: अब एक बार फिर दुनिया की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सीक्रेट मुलाकात पर टिकी हैं। 2018 की हेलसिंकी बैठक की यादें अब भी ताज़ा हैं, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन  आमने-सामने बैठे थे। उस समय अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट को खारिज करते हुए ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था,  “राष्ट्रपति पुतिन कहते हैं कि यह रूस नहीं है। मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि यह रूस हो।”  यह पुतिन की फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद किसी G7 नेता के साथ पहली बैठक होगी। ट्रंप ने कहा है कि बैठक में “जमीन की अदला-बदली” जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

 

यूरोपीय देशों में आशंका है कि बंद कमरे में होने वाली इस एक-एक बैठक से पुतिन ट्रंप के विचारों को अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं और एक ऐसा प्रस्ताव पेश कर सकते हैं जिसे कीव और यूरोपीय राजधानियों में fait accompli  यानी तयशुदा मान लिया जाए।  अटलांटिक काउंसिल के यूरेशिया सेंटर के वरिष्ठ निदेशक और पूर्व अमेरिकी राजदूत जॉन हेर्बस्ट का कहना है कि “यूरोपीय नेताओं को इस बैठक का निमंत्रण न मिलना 1945 की याल्टा कॉन्फ्रेंस जैसा लगता है, जब बड़े देशों ने छोटे राष्ट्रों के सिर पर उनके भाग्य का फैसला किया था।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने कहा कि यह मुलाकात एक “लिसनिंग एक्सरसाइज़” होगी, जिसमें ट्रंप रूसी दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति सलाहकार फियोना हिल का कहना है,  “ट्रंप बिना तैयारी के काम करते हैं, और पुतिन को ऐसे मौकों पर मुकाबला करना पसंद है।” 

 

यूरोप का ट्रंप से आखिरी संवाद 
इस अहम मुलाकात से पहले यूरोपीय नेता और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की बुधवार को ट्रंप और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस से बात करेंगे। बैठक की मेज़बानी जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज करेंगे, जिनके साथ फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर स्टब, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर मौजूद रहेंगे।इसके अलावा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और नाटो महासचिव मार्क रुटे भी शामिल होंगे। ज़ेलेंस्की स्वयं बर्लिन में मौजूद रहेंगे और आंतरिक परामर्श के बाद ट्रंप से जुड़ेंगे।

 

यूरोपीय नेताओं के लिए यह ट्रंप को समझाने का आखिरी मौका होगा कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है। ज़ेलेंस्की पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि रूस के कब्जे वाले इलाकों को छोड़ने की शर्त पर युद्धविराम संभव नहीं, क्योंकि यह भविष्य के हमलों के लिए रूस को आधार देगा। पिछले हफ्ते रूस ने संकेत दिया था कि वह डोनबास के शेष इलाकों से यूक्रेन की वापसी के बदले युद्धविराम पर विचार कर सकता है। हालांकि ट्रंप ने “जमीन की अदला-बदली” का सुझाव दिया था, लेकिन ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूस असल में केवल आगे न बढ़ने का प्रस्ताव दे रहा है, पीछे हटने का नहीं और इस तरह के सौदे पर बात नहीं हो सकती।

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