Edited By Tanuja,Updated: 14 Dec, 2025 03:37 PM

तुर्कमेनिस्तान से लेकर SCO मंचों तक, पाक प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के कई असहज पल कैमरों में कैद हुए। पुतिन-एर्दोगन की बैठक में गलती से प्रवेश, खाली कुर्सी पर इंतज़ार और बार-बार नजरअंदाज़ होने के वीडियो वायरल हुए, जिससे पाकिस्तान की कूटनीति पर सवाल...
International Desk: आतंक के पनाहगार माने जाने वाले पाकिस्तान(Pakistan) को हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार असहज हालात का सामना करना पड़ा है। ताज़ा मामला तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का है, जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)ने मंच पर मौजूद पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) को नजरअंदाज कर दिया। वीडियो में दिखता है कि शहबाज शरीफ पहले से मंच पर खड़े थे। जैसे ही पुतिन पहुंचे, उन्होंने सामने खड़े पाक प्रधानमंत्री की ओर देखे बिना आगे बढ़ना पसंद किया। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और पाकिस्तान की कूटनीति पर सवाल उठने लगे।
इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ शुक्रवार, 12 दिसंबर को तुर्कमेनिस्तान में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय फोरम में शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम देश की स्थायी तटस्थता की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था, जहां शरीफ़ की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय बैठक प्रस्तावित थी। हालांकि, RT इंडिया द्वारा साझा किए गए वीडियो के मुताबिक, पुतिन के साथ तय मुलाकात टलने के बाद एक असहज स्थिति पैदा हो गई। विदेश मंत्री इशाक डार के साथ शरीफ़ करीब 40 मिनट तक पास के एक कमरे में इंतज़ार करते रहे। इसके बाद, स्पष्ट रूप से उत्सुक और बेचैन दिख रहे शहबाज़ शरीफ़ उस हॉल में चले गए, जहां पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के बीच एक प्राइवेट मीटिंग चल रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, उम्मीद थी कि कम से कम कुछ शब्दों का आदान-प्रदान हो सकेगा, लेकिन लगभग 10 मिनट के भीतर ही शरीफ़ वहां से बाहर निकल गए। यह पूरा दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसे “आख़िरी पल की मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश” बताया गया। RT इंडिया के एक अन्य वीडियो में शहबाज़ शरीफ़ एक खाली कुर्सी के पास बैठे दिखाई दिए, जिस पर रूसी झंडा लगा हुआ था। पुतिन के आने का इंतज़ार करते हुए उनकी बेचैनी और निराशा साफ़ नजर आई। उनके साथ मौजूद प्रतिनिधिमंडल भी तनाव में बैठा दिखा।
इसी तरह, चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन आपस में बातचीत करते हुए आगे बढ़े, जबकि पास में खड़े शहबाज़ शरीफ़ की ओर पुतिन ने नजर तक नहीं डाली। SCO से जुड़ा एक और वीडियो तब वायरल हुआ था, जब शहबाज़ शरीफ़ पुतिन से हाथ मिलाने के लिए उनके पीछे-पीछे दौड़ते नजर आए। उस समय पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग साथ-साथ चल रहे थे। इस दृश्य पर सोशल मीडिया में पाकिस्तान की तीखी आलोचना हुई।
दिलचस्प रूप से, पिछले साल कजाकिस्तान में SCO बैठक के दौरान उलटा दृश्य भी सामने आया था। तब पुतिन हाथ मिलाने के लिए खड़े थे, लेकिन शहबाज़ शरीफ़ पहले किसी और से हाथ मिलाते हुए उन्हें नजरअंदाज़ कर गए। बाद में लौटकर हाथ मिलाया, और इस पूरे घटनाक्रम को पुतिन देखते रहे। लगातार सामने आ रहे इन वीडियो और घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि और उसके कूटनीतिक प्रभाव की सीमाओं को उजागर कर दिया है।