पुतिन की भारत यात्रा से खुश हुआ चीन, पुतिन के बयान पर दी प्रतिक्रिया, कहा- यह त्रि गठजोड़ दुनिया के लिए शांति की कुंजी

Edited By Updated: 08 Dec, 2025 06:34 PM

china says putin s india trip strengthens prospects for trilateral ties with rus

चीन ने राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत-चीन-रूस “ग्लोबल साउथ” की प्रमुख शक्तियाँ हैं। चीन ने त्रिपक्षीय सहयोग को क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया और भारत के साथ दीर्घकालिक, स्थिर...

Bejing: चीन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया भारत यात्रा पर सोमवार को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उसने तीनों देशों को ‘ग्लोबल साउथ' का अहम हिस्सा करार देते हुए कहा कि मजबूत त्रिपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं स्थिरता के साथ-साथ उनके अपने राष्ट्रीय हितों के लिए भी फायदेमंद हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में संवाददाताओं से कहा, “चीन, रूस और भारत न सिर्फ उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं, बल्कि ‘ग्लोबल साउथ' का अहम हिस्सा भी हैं।” यह पिछले हफ्ते पुतिन की हाई-प्रोफाइल भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी बातचीत पर चीन की ओर से पहली प्रतिक्रिया है।

 

गुओ ने कहा कि तीनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते न केवल उनके अपने हितों के अनुरूप हैं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए भी फायदेमंद हैं। रूस के साथ चीन के मजबूत संबंधों के मद्देनजर बीजिंग की पुतिन की भारत यात्रा पर करीबी नजर थी। भारत यात्रा से पहले पुतिन की ओर से नयी दिल्ली और बीजिंग के बारे में की गई टिप्पणियों से जुड़े सवाल पर गुओ ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए रूस और भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। रूसी राष्ट्रपति ने अपनी भारत यात्रा से पहले एक भारतीय समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा था, “भारत और चीन हमारे सबसे करीबी मित्र हैं। हम इस रिश्ते को बहुत महत्व देते हैं।” भारत-चीन संबंधों पर गुओ ने कहा कि बीजिंग दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ नयी दिल्ली के साथ अनवरत और मजबूत संबंध कायम करना चाहता है।

 

भारत और चीन 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई सैन्य झड़पों के बाद तनावपूर्ण हुए रिश्तों को सामान्य बनाने की राह पर हैं। गुओ ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखने व संभालने, दोनों देशों और उनके लोगों के लाभ के लिए संबंधों के अनवरत, मजबूत और स्थिर विकास को बढ़ावा देने तथा एशिया और उसके बाहर शांति एवं समृद्धि में उचित योगदान देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। साक्षात्कार में पुतिन ने नयी दिल्ली और बीजिंग को मॉस्को का करीबी मित्र बताने के साथ ही कहा था कि भारत और चीन की सरकारें अपने मुद्दों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा रूस को उनके द्विपक्षीय मामलों में हस्तक्षेप करने का “कोई अधिकार नहीं है।”

 

चीन के सरकारी मीडिया ने भारत-चीन संबंधों पर पुतिन की टिप्पणियों को काफी महत्व दिया। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' ने पुतिन की उस टिप्पणी को प्रमुखता से प्रसारित किया, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन किया था। चीन रूसी तेल और गैस खरीदने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है। उसने रूस पर यूक्रेन में युद्ध रोकने का दबाव बनाने के लिए मॉस्को से तेल और गैस का आयात रोकने का अमेरिकी आह्वान ठुकरा दिया है। पुतिन ने चार-पांच दिसंबर को भारत की यात्रा की। यह 2021 के बाद उनकी पहली भारत यात्रा थी। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर तक ले जाने के लिए एक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर भी काम किया।  

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