Edited By Anil dev,Updated: 11 Dec, 2021 12:47 PM
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया है। भारत ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक अच्छी तरह से परिभाषित सहयोग प्रदान करने में मदद करेगा...
नेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया है। भारत ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक अच्छी तरह से परिभाषित सहयोग प्रदान करने में मदद करेगा जिससे वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलेगा। सौर ऊर्जा समाधानों के जरिये जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत और फ्रांस द्वारा एक संयुक्त प्रयास के रूप में आईएसए की कल्पना की गई थी। इसे 2015 में पेरिस में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन' (यूएनएफसीसीसी) में पक्षकारों के 21वें सम्मेलन (सीओपी21) में दोनों देशों के नेताओं द्वारा पेश किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी.एस तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान करने वाले प्रस्ताव को अपनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं। मुझे विशेष रूप से खुशी है कि आपके (यूएनजीए अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद) नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ऐसा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।'' यूएनजीए अध्यक्ष शाहिद ने ट्वीट किया, ‘‘बधाई हो, आज, छठी समिति की रिपोर्ट के आधार पर, महासभा ने संकल्प 76/123 को अपनाया और सर्वसम्मति से ‘‘पर्यवेक्षक'' के रूप में महासभा के सत्र और कार्य में भाग लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को आमंत्रित करने का निर्णय लिया।''
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए आज संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। पिछले छह वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास के लिए साझेदारी के जरिये सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई का एक उदाहरण बन गया है। सभी सदस्य राष्ट्रों को धन्यवाद।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक सुरक्षित, सुविधाजनक, सस्ती, न्यायसंगत और टिकाऊ तरीके से ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग और गुणवत्ता को बढ़ाने से ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में वृद्धि होती है, और विकासशील सदस्य देशों में ऊर्जा तक पहुंच में सुधार होता है।''
इस बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘जलवायु कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की जोरदार स्वीकृति। केवल छह वर्षों में आईएसए को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है। एक सतत विश्व के लिए भारत के प्रयासों के लिए जबरदस्त वैश्विक समर्थन का संकेत।'' आईएसए वेबसाइट के अनुसार, कुल 80 देशों ने आईएसए मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर और पुष्टि की है और 101 देशों ने केवल समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।