किसानों के लिए इस राज्य सरकार ने शुरू की ये स्कीम, ऐसे मिलेगा फायदा

Edited By Updated: 14 Jul, 2025 02:22 PM

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उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम। इसके जरिए किसानों को न केवल अतिरिक्त आय मिलेगी बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम। इसके जरिए किसानों को न केवल अतिरिक्त आय मिलेगी बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे। इस स्कीम की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान के दौरान की।

कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम क्या है?

कार्बन क्रेडिट एक तरह की पर्यावरणीय मुद्रा है। यह ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी को दर्शाता है। जब कोई किसान अपनी खेती में ऐसी तकनीक अपनाता है जिससे कार्बन डाइऑक्साइड या अन्य हानिकारक गैसों की मात्रा कम होती है या पेड़ लगाकर कार्बन अवशोषित करता है तो वह कार्बन क्रेडिट कमाता है। प्रत्येक कार्बन क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी को दर्शाता है। किसान इस क्रेडिट को कार्बन मार्केट में बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।

यूपी में इस योजना का प्रभाव और लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत अब तक 244 किसानों को करीब 50 लाख रुपये दिए हैं। आगे 401 किसानों को लगभग 26 लाख रुपये दिए जाने की योजना है। यह योजना धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में फैलाई जाएगी।

पहले चरण में गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर के किसानों को इस योजना में शामिल किया गया है।

  • गोरखपुर के 2,406 किसानों को 34.66 करोड़ रुपये

  • बरेली के 4,500 किसानों को 24.84 करोड़ रुपये

  • लखनऊ के 2,512 किसानों को 21.26 करोड़ रुपये

  • मेरठ के 3,754 किसानों को 21.67 करोड़ रुपये

  • मुरादाबाद के 4,697 किसानों को 38.05 करोड़ रुपये

  • सहारनपुर के 7,271 किसानों को 61.52 करोड़ रुपये

दूसरे चरण में इस योजना को देवी पाटन, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, कानपुर, वाराणसी और अलीगढ़ मंडलों में लागू किया जाएगा। तीसरे चरण में यह योजना पूरे उत्तर प्रदेश में फैल जाएगी।

योजना कैसे काम करती है?

यह योजना वन-कृषि (एग्रोफॉरेस्ट्री) के तहत काम करती है। किसानों द्वारा लगाए गए पेड़ और पर्यावरण संरक्षण के उपायों से कार्बन क्रेडिट उत्पन्न होते हैं। यूपी के किसानों ने अब तक 42.19 लाख कार्बन क्रेडिट हासिल किए हैं। प्रति क्रेडिट 6 डॉलर की दर से पांच साल के अंतराल में भुगतान किया जाता है। इस योजना का संचालन द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के सहयोग से हो रहा है। किसान प्रति पेड़ 250 से 350 रुपये तक अतिरिक्त कमा सकते हैं। 2024 से 2026 के बीच 25,140 किसानों को इस योजना के तहत कुल 202 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
यह योजना सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित होगी। भारत सरकार ने 2070 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इस योजना से इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

“एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान की सफलता

इस योजना से जुड़ा एक बड़ा अभियान है, “एक पेड़ मां के नाम 2.0”। इस अभियान के तहत इस साल 37.21 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है। पिछले आठ वर्षों में यूपी में कुल 240 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं। साल 2017 से अब तक राज्य के हरित क्षेत्र में लगभग 5 लाख एकड़ की वृद्धि हुई है। वन और वृक्ष आवरण राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 10% हो गया है, जो पहले 9.18% था।

किसानों के लिए यह योजना क्यों है खास?

  • किसानों को खेती के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।

  • अतिरिक्त आय के जरिए उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

  • राज्य में वृक्षारोपण बढ़ेगा जिससे जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता और जैव विविधता को फायदा होगा।

  • यह योजना देश के पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक बनेगी।

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