15 दिन के नवजात बच्चे को फ्रिज में रखकर सो गई मां, चीख सुनकर परिवार वालों के उड़े होश, हैरान कर देगा कारण

Edited By Updated: 08 Sep, 2025 08:22 PM

up muradabad woman kept newborn in fridge postpartum disorder treatment

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक महिला ने नवजात बच्चे को लगातार रोने पर फ्रिज में रख दिया। बच्चे को दादी ने समय रहते बाहर निकाला और उसकी जान बचाई। बाद में महिला को मनोचिकित्सक डॉ. कार्तिकेय गुप्ता के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि वह पोस्टपार्टम...

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने महज 15 दिन के नवजात बच्चे को सिर्फ इसलिए फ्रिज में रख दिया क्योंकि वह लगातार रो रहा था। महिला ने बच्चे को फ्रिज में रखने के बाद खुद सोने चली गई। गनीमत रही कि घर में मौजूद दादी को बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी और उन्होंने तुरंत उसे फ्रिज से बाहर निकाला, जिससे उसकी जान बच गई।

जब दादी ने महिला से इस खौफनाक हरकत के बारे में पूछा, तो उसने बेहद साधारण लहजे में कहा, "बच्चा सो नहीं रहा था, इसलिए उसे फ्रिज में रख दिया।" यह सुनकर परिवार स्तब्ध रह गया। शुरुआत में उन्हें शक हुआ कि महिला पर किसी तरह का ‘ऊपरी असर’ है। इसके बाद वे उसे एक झाड़-फूंक करने वाले बाबा के पास भी ले गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

मानसिक रोग विशेषज्ञ ने बताया असली कारण
बाद में किसी के सुझाव पर महिला को मुरादाबाद के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. कार्तिकेय गुप्ता के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि महिला पोस्टपार्टम डिसऑर्डर (Postpartum Disorder) से ग्रस्त है। यह स्थिति प्रसव के बाद कई महिलाओं में देखी जाती है।

क्या होता है पोस्टपार्टम डिसऑर्डर?
डॉ. कार्तिकेय के अनुसार, डिलीवरी के बाद लगभग 10-15% महिलाओं में पोस्टपार्टम ब्लूज के लक्षण दिखते हैं, जो हल्के होते हैं और कुछ दिनों या हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालांकि कुछ मामलों में यह स्थिति गंभीर हो जाती है और इसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन या पोस्टपार्टम साइकोसिस कहा जाता है।पोस्टपार्टम साइकोसिस एक गंभीर मानसिक रोग है, जो लगभग 0.1 से 0.2 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है। इस स्थिति में महिला को भ्रम (Delusions), मतिभ्रम (Hallucinations), अत्यधिक चिंता, अनिद्रा और कभी-कभी आत्मघाती या बच्चे को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति हो सकती है।

इलाज है संभव
डॉ. कार्तिकेय गुप्ता ने बताया कि पोस्टपार्टम साइकोसिस का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए समय पर दवा, मनोवैज्ञानिक परामर्श (Psychotherapy), और परिवार के सहयोग की आवश्यकता होती है। अगर समय पर सही इलाज शुरू किया जाए, तो महिला पूरी तरह से स्वस्थ हो सकती है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!