Edited By Yaspal,Updated: 18 Jul, 2020 08:24 PM
राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के कथित प्रयासों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि राज्य कोरोना वायरस महामारी जैसे बड़े संकट से दो-चार है, इस तरह के प्रयास...
जयपुरः राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के कथित प्रयासों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि राज्य कोरोना वायरस महामारी जैसे बड़े संकट से दो-चार है, इस तरह के प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मेघवाल ने कहा,‘‘राजस्थान की राजनीति पटरी से उतर गई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जबकि राज्य कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से जूझ रहा है और गरीबों में बेरोजगारी मुंह बाये खड़ी है... राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास हो रहे हैं।''
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी समझे जाने वाले शाहपुरा सीट के विधायक मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए लोगों द्वारा ' अनैतिक हथकंडे, गंदी राजनीति एव विधायकों की खरीद फरोख्त का रास्ता अपनाया जाना निंदनीय है।' उन्होंने कहा कि केवल स्थिर सरकार ही कोरोना वायरस महामारी एवं बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपट सकती है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा राज्य की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश कर रही है। इस बारे में एक मामला भी राज्य पुलिस की विशेष इकाई एसओजी व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी में दर्ज करवाया गया है।
मेघवाल ने हालांकि यह भी कहा कि राज्य का मौजूदा राजनीतिक संकट कांग्रेस की आंतरिक कलह का परिणाम है जिससे भाजपा का कुछ लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा मूल्यों की राजनीति में विश्वास रखती है और उनकी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस के आरोप असत्य है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी विफलता को छुपाने के लिए भाजपा पर आरोप लगा रही है। उन्होंने दावा किया,'भाजपा कभी खरीद फरोख्त में शामिल नहीं हो सकती।' मेघवाल ने कांग्रेस से बगावत करने वाले सचिन पायलट के इस बयान की आलोचना की कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पूर्व मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे के बीच 'सहमति' है।
मेघवाल ने कहा कि यह आरोप पायलट की राजनीतिक सोच को दर्शाता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा को सचिन से हाथ मिलाना चाहिए, इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने भावी कदमों का फैसला नैतिकता के आधार पर करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम में पहली बार टिप्पणी करते हुए राजे ने शनिवार को कहा,'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की आतंरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है।'