Edited By Pardeep,Updated: 20 Apr, 2021 06:28 AM
लॉकडाऊन के ऐलान के बाद से ही राजधानी में रहने वाले प्रवासी मजदूरों में खलबली मच गई और पलायन 2.0 का नजारा दिखा। लोग लॉकडाऊन लागू होने से पहले ही अपने घर वापस जाने के लिए बस अड्डों पर जमा होने लगे। किसी को जगह मिली तो कोई बसों पर लटक
नई दिल्लीः लॉकडाऊन के ऐलान के बाद से ही राजधानी में रहने वाले प्रवासी मजदूरों में खलबली मच गई और पलायन 2.0 का नजारा दिखा। लोग लॉकडाऊन लागू होने से पहले ही अपने घर वापस जाने के लिए बस अड्डों पर जमा होने लगे। किसी को जगह मिली तो कोई बसों पर लटक कर अपने घर की ओर निकल पड़ा। प्रवासी मजदूरों की यह भीड़ पिछले साल के पलायन की यादें ताजा करने लगी है, जब दिल्ली-मुंबई से मजदूर पैदल ही घर वापस जाने लगे थे। दिल्ली से उत्तर प्रदेश जाने वाले कई प्रवासी मजदूर आनंद विहार टर्मिनल पर बसों के इंतजार में खड़े दिखाई दिए।
शाम के साढ़े 5 बजे के बाद फरीदाबाद-दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर पर अचानक प्रवासी लोगों की भीड़ बढऩे लगी। जिस कारण कौशांबी में लंबा जाम लग गया। बसों पर चढऩे के लिए लोग बेकाबू हो गए। यू.पी. के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान जाने वाले लोगों का जत्था बस अड्डों पर उमड़ पड़ा। सभी लॉकडाऊन लागू होने से पहले अपने घर निकलना चाहते थे। उन्हें पिछली बार की तरह लॉकडाऊन में फंस जाने का डर था।
पहली लहर बनाम दूसरी लहर
- दोनों लहरों में 70 प्रतिशत रोगियों की उम्र 40 साल से ज्यादा
- दोनों लहरों में उम्रदराज लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक
- दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अधिक, वैंटीलेटर की मांग कम
- दूसरी लहर में करीब 54.5 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन दी गई
- पहली लहर में 41.5 प्रतिशत को पड़ी थी ऑक्सीजन की जरूरत
- दूसरी लहर में सांस लेने में परेशानी की समस्या थोड़ी ज्यादा
- पहली लहर में गले में खराश व सूखी खांसी ज्यादा थी
- पहली लहर में 31 प्रतिशत संक्रमितों की उम्र 30 साल से कम थी
- दूसरी लहर में 30 से कम उम्र के संक्रमितों की संख्या 32 प्रतिशत
(पहली लहर में 7,600 व दूसरी में 1,885 रोगियों के अध्ययन का निष्कर्ष)
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में एक हफ्ते की लॉकडाउन की घोषणा करते हुए प्रवासी लोगों से दिल्ली नहीं छोड़कर जाने की अपील की और कहा 'मैं हूं ना', लेकिन उसके बाद भी यहां आनंद विहार आईएसबीटी पर हजारों लोगों को अपने घर रवाना होने के लिए बस पाने की कोशिश करते देखा गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आनंद विहार पर आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन पर हजारों लोग पहुंच गए।
दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर लगीं कतारें
दिल्ली में लॉकडाऊन की घोषणा के बाद शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गईं। शराब के शौकीन तपती धूप में घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। इस दौरान ग्राहकों के बीच कुछ जगह तीखी बहस भी देखने को मिली। कई लोगों ने गर्मी बढऩे के साथ-साथ धैर्य खो दिया, तो कुछ स्थानों पर लोगों ने कतारें तोड़कर आगे बढऩे की कोशिश की, जिसके चलते छिटपुट कहासुनी हो गई।
इस बीच शराब कंपनियों के एक संघ ने बयान जारी कर दिल्ली सरकार से भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर शहर में शराब की घर-घर आपूर्ति शुरू करने का अनुरोध किया है। दिलशाद गार्डन के निवासी भरत शर्मा ने कहा कि जैसे ही उन्हें लॉकडाऊन के बारे में पता चला, वह अपने एक मित्र के साथ पास की एक शराब दुकान पर पहुंच गए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक घंटे तक इंतजार किया और किसी तरह 3 बोतलें मिल गईं।’’