Edited By Yaspal,Updated: 12 Sep, 2020 06:07 PM
महाराष्ट्र में नौसेना के पूर्व अधिकारी मदन शर्मा से मारपीट करने वाले शिवसैनिकों को जमानत दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी और पूर्व नौसेना अफसर की बेटी ने मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, राज्य सरकार के...
मुंबईः महाराष्ट्र में नौसेना के पूर्व अधिकारी मदन शर्मा से मारपीट करने वाले शिवसैनिकों को जमानत दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी और पूर्व नौसेना अफसर की बेटी ने मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और फिर से गिरफ्तारी की मांग की है।
दरअसल, राज्य सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया कंटेंट को शेयर करने पर शिवसैनिक नाराज हो गए थे और उन्होंने पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा को बुरी तरह पीट दिया। यह मामला मुंबई के समता नगर पुलिस स्टेशन का है, यहीं FIR दर्ज कराई गई है। शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कार्टून सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर गुस्साए शिवसैनिकों ने पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा के साथ मारपीट की। शिवसैनिकों की इस गुंडागर्दी को अभिनेत्री कंगना रनौत ने शर्मनाक बताया है।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बने एक कार्टून को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर साझा करने के लिए नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी से मारपीट करने के मामले में शनिवार को शिवसेना के छह कथित कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी गई। सेवानिवृत्त अधिकारी मदन शर्मा (62) पर शुक्रवार को हुए हमले की एक वीडियो भाजपा के स्थानीय विधायक अतुल भातखलकर ने ट्विटर पर पोस्ट की थी जिसके बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कांदिवली पुलिस थाने में शिवसेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई है।
राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, भातखलकर और पीड़ित परिवार के सदस्यों ने कांदिवली में एसीपी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 326, 452 और 450 के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने की मांग की। ये गैर जमानती धाराएं है। पाटिल ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 325 के तहत मामला दर्ज किया गया है जो जमानती अपराध है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आईपीसी की धारा 325 के तहत कल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर उन्हें जमानत दे दी गई। कोई राजनीतिक दबाव नहीं था। मुझे नहीं लगता कि धारा 326 को लगाया जा सकता है क्योंकि इस धारा को धारदार हथियारों के इस्तेमाल के लिए लगाया जाता है।''